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फर्जी जियो टैगिंग का खुलासा: गरियाबंद में पीएम आवास योजना की रिपोर्टिंग में बड़ा घोटाला
देवभोग और मैनपुर जनपदों में अधूरे मकानों की झूठी जियो टैगिंग कर पीएम आवास योजना की प्रगति रिपोर्ट को बनाया गया गुमराह, 400 से अधिक मामलों पर संदेह।
गरियाबंद / छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत बन रहे मकानों की प्रगति रिपोर्ट में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। देवभोग और मैनपुर जनपद क्षेत्रों में मैदानी कर्मचारियों द्वारा अधूरे मकानों को पूर्ण दर्शाकर फर्जी जियो टैगिंग की गई है।
पिछले 15 दिनों में 1366 मकानों को ऑनलाइन प्रणाली में पूर्ण दिखाया गया, लेकिन इनमें से 400 से अधिक मकान अधूरे या संदिग्ध पाए गए हैं। जांच में खुलासा हुआ कि कई मकानों को दो अलग-अलग लाभार्थियों के नाम से दर्ज किया गया। पुरनापानी गांव में एक ही मकान को चूमन लाल और जय सिंह के नाम पर दिखाया गया। इसी तरह, झाखरपारा में एक मकान की अलग-अलग एंगल से फोटो लेकर दो अलग हितग्राहियों के नाम पर अपलोड किया गया।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने जब निगरानी कड़ी की, तब कई मैदानी कर्मचारियों ने शो-कॉज नोटिस से बचने के लिए फर्जी रिपोर्टिंग कर डाली।
1 मई को देवभोग ब्लॉक में 2700 मकान अप्रारंभ बताए गए थे, जो 15 मई तक घटकर 2157 हो गए। वहीं, पूर्ण मकानों की संख्या 1200 से बढ़कर 1658 दर्शाई गई, लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके उलट है।
जिले में 17 अप्रैल तक स्वीकृत 34138 मकानों में से केवल 5339 पूर्ण थे। 15 मई तक यह संख्या बढ़ाकर 7214 दर्शाई गई। द्वितीय व तृतीय किश्तों की राशि जारी करने में भी फर्जी आंकड़ों का सहारा लिया गया।
जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। जिन ब्लॉकों में अनियमितताएं पाई गईं, वहां फील्ड इंस्पेक्शन, फोटोग्राफिक वेरीफिकेशन और बेनामी जांच शुरू कर दी गई है। दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी है।
