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छत्तीसगढ़ में दवा घोटाला: 50 से ज्यादा अमानक, लेकिन सिर्फ 3 पर कार्रवाई, विपक्ष ने पूछा – कौन बचा रहा चहेती कंपनियों को?
रायपुर: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) ने दवाओं की गुणवत्ता पर सख्ती दिखाते हुए तीन दवाओं को अमानक पाए जाने पर दो कंपनियों को तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। लेकिन इस कार्रवाई पर अब सवाल उठने लगे हैं।
कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि पिछले दो साल में 50 से अधिक दवाएं अमानक पाई गई हैं, लेकिन केवल दो कंपनियों को बैन करना आधी-अधूरी कार्रवाई है। उन्होंने CGMSC पर चहेती कंपनियों को बचाने का आरोप भी लगाया।
डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा- सीजीएमएससी को सभी अमानक दवा सप्लायर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन लगता है कि कुछ कंपनियों के लिए भाई-भतीजावाद काम कर रहा है।
ब्लैकलिस्ट हुई दवाएं और आपूर्तिकर्ता
CGMSC के अनुसार, ब्लैकलिस्ट की गई दवाओं में शामिल हैं:
- कैल्शियम (एलिमेंटल) विद विटामिन D3 टैबलेट्स
- ऑर्निडाजोल टैबलेट्स – एजी पैरेंटेरल्स, बद्दी, हिमाचल प्रदेश
- हेपारिन सोडियम 1000 IU/ml इंजेक्शन IP – डिवाइन लेबोरेट्रीज प्रा. लि., वडोदरा, गुजरात
ये दवाएं NABL मान्यता प्राप्त सरकारी लैब और सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेट्री (CDL), कोलकाता में परीक्षण के दौरान NSQ (Not of Standard Quality) पाई गईं।
अमानक दवाओं का राष्ट्रीय परिदृश्य
- सितंबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, CDSCO ने छत्तीसगढ़ की 9 दवाओं को गुणवत्ता मानकों पर फेल पाया, इनमें से एक पूरी तरह नकली निकली।
- देशभर में 112 दवाओं के नमूने अमानक पाए गए, जिनकी जांच 52 केंद्रीय और 60 राज्य प्रयोगशालाओं में हुई।
विशेषज्ञों की चेतावनी:
अमानक दवाओं का लंबे समय तक सेवन स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकता है। डॉ. राकेश गुप्ता की मांग है कि CGMSC सभी दोषी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करे और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए।
