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हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट में भी 'खेला': छत्तीसगढ़ में देश से दोगुनी वसूली!
परिवहन विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप
छत्तीसगढ़ में परिवहन विभाग एक बार फिर अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में है। इस बार मामला हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) के नाम पर हो रही कथित 'लूट' का है। देश के अन्य राज्यों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में HSRP के लिए मनमाना और दोगुना शुल्क वसूला जा रहा है, जिससे आम जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। प्रदेश में सुशासन की बात करने वाली सरकार में परिवहन विभाग की यह मनमानी कई गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से ही परिवहन विभाग अक्सर अपने कामों से ज्यादा अवैध वसूली को लेकर चर्चा में रहा है। राज्य के टोल नाकों पर परिवहन विभाग की शह पर जमकर वसूली की जाती है। सूत्रों की मानें तो यह वसूली बेहद बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन सरकार में बैठे अफसर और मंत्री इस ओर आंखें मूंदकर बैठे हैं। आरटीओ की खुलेआम वसूली की खबरें आए दिन देखने को मिलती हैं, लेकिन हैरानी इस बात की है कि क्या सूबे के मुखिया को इस विभाग के कुकर्मों की जानकारी अधिकारी देते नहीं हैं? ऐसा लगता है कि सरल और सहज मुख्यमंत्री को भी गुमराह करने का काम बखूबी किया जा रहा है। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद वर्ष 2019 से पहले के वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन अब इस नंबर प्लेट के नाम पर भी मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। देश में सबसे ज्यादा शुल्क छत्तीसगढ़ में लिया जाना समझ से परे है।
आखिर छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा शुल्क किस आधार पर लिया जा रहा है, यह बड़ा सवाल है। एक सप्ताह के भीतर पंजीकृत वाहन चालकों को नंबर प्लेट भी उपलब्ध कराया जा रहा है। बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली, गुजरात, बिहार, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का शुल्क काफी कम है, जबकि छत्तीसगढ़ में यह सबसे ज्यादा है। प्रदेश के कई जिलों में इसका विरोध भी होने लगा है। हाल ही में कांग्रेस ने आरटीओ कार्यालय में इस 'अवैध वसूली' के खिलाफ जमकर हंगामा भी किया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि नंबर प्लेट की तय राशि के साथ जीएसटी भी लिया जा रहा है। वेबसाइट पर बड़े महानगरों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का शुल्क छत्तीसगढ़ से काफी कम है। छत्तीसगढ़ के जिलों में सीधे दोगुनी राशि ली जा रही है।
देश के अन्य राज्यों से ज्यादा राशि छत्तीसगढ़ में
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा टू-व्हीलर वाहनों के पंजीयन के लिए 365.91 रुपये (रिप्लेसमेंट), थ्री-व्हीलर के लिए 427.16 रुपये और कार या फोर-व्हीलर वाहनों के लिए 656.8 से 750.64 रुपये तक निर्धारित किए गए हैं। इन निर्धारित शुल्कों के साथ ही जीएसटी भी वसूला जा रहा है, जिससे वाहन चालकों की जेब हल्की हो रही है। अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में इतनी ज्यादा राशि की वसूली किस आधार पर की जा रही है, यह जांच का विषय है।
जबकि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार दिल्ली, राजस्थान, बिहार और हिमाचल प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए दरें बहुत कम हैं। नई दिल्ली में टू-व्हीलर वाहन के पंजीयन के लिए 69 रुपये, गुजरात में 120 रुपये, बिहार में 131 रुपये और हिमाचल प्रदेश में 165 रुपये का दर निर्धारित है। जबकि छत्तीसगढ़ में यह पंजीयन की राशि जीएसटी मिलाकर दो गुना से भी ज्यादा है। आम लोगों का कहना है कि वाहन मालिकों को खुलेआम लूटा जा रहा है।
इस मनमानी को लेकर 'छत्तीसगढ़ उजाला' ने परिवहन विभाग के सचिव एस प्रकाश और अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी रविशंकर से भी संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे हमारा संपर्क नहीं हो पाया। दोनों अधिकारियों ने हमारा कॉल अटेंड नहीं किया और न ही व्हाट्सएप पर भेजे गए सवालों का जवाब दिया।
राज्य में वाहन मालिकों से वसूला जाएगा तगड़ा जुर्माना
छत्तीसगढ़ में परिवहन विभाग ने अपनी 'नई दुकान' खोलने की पूरी तैयारी कर ली है। परिवहन अधिकारियों का कहना है कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने पर 100 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक का जुर्माना वसूला जाएगा। इतनी बड़ी आबादी के हिसाब से परिवहन विभाग उचित व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। राज्य के परिवहन विभाग ने हाई सिक्योरिटी नंबर के लिए दो कंपनियों को अधिकृत किया है: एमएस रीयल मैनोज इंडिया लिमिटेड और रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड। वर्तमान में रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड का एक ऑपरेटर कलेक्ट्रेट परिसर में ड्यूटी पर है, जहां ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। स्पष्ट है कि यह पूरी कवायद आम जनता को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। 'सुशासन तिहार' में सरकार को परिवहन विभाग की इस मनमानी पर अंकुश लगाने की ओर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है, अन्यथा जनता का विश्वास डगमगाना तय है।
