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अपेक्स बैंक अध्यक्ष की तानाशाही! 2,739 धान खरीदी केंद्रों पर जबरन थोपी 4 गुना महंगी मशीन
रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होते ही अपेक्स बैंक में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। बैंक के प्राधिकृत अधिकारी (अध्यक्ष) श्री केदारनाथ गुप्ता पर आरोप है कि वह 2,739 धान उपार्जन केंद्रों के लिए इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन और पॉलिथीन कवर की सप्लाई का ठेका जबरन एक निजी फर्म को दिलवा रहे हैं।
खास बात यह है कि बाजार में जिस मशीन की कीमत सिर्फ ₹2,500 से ₹4,000 है, उसे डिजीटेक सिस्टम्स (मालिक कमल कुमार, रायपुर) को न्यूनतम ₹10,000 प्रति मशीन में बेचने का ठेका दिया जा रहा है। यानी, हर मशीन पर ₹6,000 से ₹7,500 का सीधा मार्जिन बनाया जा रहा है, जिससे सीधे तौर पर श्री गुप्ता की जेब गर्म हो रही है। इस पूरे खेल में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रबंध संचालक श्री कमल नारायण कांडे की भी मिलीभगत बताई जा रही है।
व्हाट्सएप कॉल पर सीधे धमका रहे अध्यक्ष
जानकारी के अनुसार, केदारनाथ गुप्ता स्वयं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (CEO) को व्हाट्सएप कॉल करके डिजीटेक सिस्टम्स के कमल कुमार को इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन और पॉलिथीन का आर्डर देने के लिए जबरन कह रहे हैं। वह हर दिन प्रगति पूछते हैं कि आर्डर दिया गया या नहीं। कमल कुमार भी अध्यक्ष गुप्ता के हवाले से सीधे CEO को आधिकारिक तौर पर मांग भेजने के लिए व्हाट्सएप कॉल कर रहा है। नौकरी जाने के डर से CEO ने अध्यक्ष के मौखिक आदेश पर अमल करना शुरू भी कर दिया है।
कमीशन की सेटिंग के लिए रुकी सेंट्रलाइज्ड खरीदी
अध्यक्ष गुप्ता ने पहले 2,058 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कुल 2,739 धान उपार्जन केंद्रों के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान, जैसे तौल मशीन, पॉलिथीन, कैप कवर, भूसी, सुतली, सीसीटीवी कैमरा आदि की केंद्रीकृत खरीदी का मसौदा तैयार किया था। लेकिन, सामग्री प्रदाता फर्मों से कमीशन की सेटिंग और टेंडर के जुगाड़ में देरी होने के कारण यह सेंट्रलाइज्ड खरीदी रोक दी गई। इसके बजाय, अब डिजिटल तौल मशीन का ठेका जबरन थोपा जा रहा है।
अब आगे देखना यह होगा कि केदारनाथ गुप्ता धान खरीदी खत्म होने के बाद कहीं इन बैंक के CEO को प्रति क्विंटल की दर से कमीशन इकट्ठा करने का नया लक्ष्य न दे दें। यह स्पष्ट है कि करोड़ों रुपयों का यह सारा धंधा बैंक के प्रबंध संचालक कमल नारायण कांडे की मौन स्वीकृति पर चल रहा है।
