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छत्तीसगढ़ में जंगलराज पर भूपेश का वार, BJP बोली: बेटे की गिरफ्तारी का साइड इफेक्ट
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सत्ताधारी बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने राजधानी में बढ़ती हत्याओं और गोलीबारी की घटनाओं पर सवाल उठाते हुए पुलिस महानिरीक्षक (IG) और पुलिस अधीक्षक (SP) की कार्यशैली पर निशाना साधा है। भूपेश के इस ट्वीट पर बीजेपी नेता नरेश चंद्र गुप्ता ने पलटवार करते हुए इसे दबाव बनाने की रणनीति बताया है। यह विवाद ऐसे समय में गहराया है, जब भूपेश के बेटे चैतन्य बघेल की शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तारी के बाद से सूबे की सियासत गरमाई हुई है।
https://twitter.com/bhupeshbaghel/status/1949846336423047465?t=wmSJLQg7OAaM-jVZOpAqyg&s=19
भूपेश बघेल ने अपने ट्वीट में साफ तौर पर कहा है कि राजधानी में आए दिन गोलियां चल रही हैं और हत्याएं हो रही हैं, लेकिन सरकार ने सिर्फ एसपी बदला है, जबकि आईजी की जवाबदेही पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बलौदाबाजार में कलेक्ट्रेट जलने जैसी बड़ी घटना का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि अधिकारी अब मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को भी नहीं मान रहे हैं। भूपेश ने मौजूदा एसपी को छह महीने से ज्यादा समय बीतने के बावजूद कानून व्यवस्था सुधारने में नाकाम बताते हुए बीजेपी की डबल इंजन सरकार पर सीधा तंज कसा।
https://twitter.com/nareshgupta1919/status/1949902333372223913?s=08
इसके जवाब में बीजेपी नेता नरेश चंद्र गुप्ता ने तुरंत ट्वीट कर भूपेश बघेल पर पलटवार किया। उन्होंने तीखा सवाल पूछा कि क्या यह ट्वीट किसी सुपर डीजीपी के निर्देश पर किया गया है या फिर यह डर के कारण दबाव बनाने की कोशिश है। गुप्ता ने साफ तौर पर संदेह जताया कि भूपेश का यह बयान जनता में एसीबी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच कथित सहमति की चर्चाओं या फिर उनके बेटे की हालिया गिरफ्तारी से जोड़कर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि हाल के महीनों में छत्तीसगढ़ में अपराध की कई बड़ी घटनाएं सुर्खियां बटोर चुकी हैं। जुलाई 2025 में दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में भी रायपुर में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि, खासकर हत्या और गोलीबारी की वारदातों का जिक्र किया गया था। बलौदाबाजार में कलेक्ट्रेट जलने की घटना ने भी प्रशासन की तैयारियों और लचर व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। भूपेश का यह ताजा ट्वीट इन्हीं घटनाओं को आधार बनाकर सरकार की नाकामियों को उजागर करने की कोशिश माना जा रहा है।
सियासी गलियारों में इस टकराव ने अब एक नई बहस छेड़ दी है। कांग्रेस इसे सीधे तौर पर बीजेपी सरकार की विफलता बता रही है, वहीं बीजेपी इसे भूपेश बघेल की हताशा और पुराने घोटालों से जनता का ध्यान भटकाने की रणनीति करार दे रही है। भूपेश के बेटे चैतन्य की 18 जुलाई 2025 को कथित शराब घोटाले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद से ही दोनों प्रमुख दलों के बीच बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। कांग्रेस ने इस गिरफ्तारी को राजनीतिक साजिश बताया था। राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर उठे इस बड़े विवाद के बाद जनता की निगाहें अब सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी इस आलोचना का जवाब ठोस कार्रवाई से देती है, या फिर यह सियासी जंग और ज्यादा तीखी होगी।
