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आज राजधानी में धाकड़ और सर्व ब्राह्मण समाज की हुंकार

आज राजधानी में धाकड़ और सर्व ब्राह्मण समाज की हुंकार प्रदेशभर के अलावा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों से सामाजिक बंधु भाग लेंगे आज भोपाल : भेल के दशहरा मैदान पर किरार धाकड़ समाज और भेल के जंबूरी मैदान पर ब्राह्मण समाज चार जून को हुंकार भरेंगे। महाकुभ का आयोजन करेंगी। इसकी […]

आज राजधानी में धाकड़ और सर्व ब्राह्मण समाज की हुंकार
प्रदेशभर के अलावा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों से सामाजिक बंधु भाग लेंगे आज
भोपाल : भेल के दशहरा मैदान पर किरार धाकड़ समाज और भेल के जंबूरी मैदान पर ब्राह्मण समाज चार जून को हुंकार भरेंगे। महाकुभ का आयोजन करेंगी। इसकी तैयारियां जोरों पर हैं।
भेल के अन्ना नगर दशहरा मैदान में 4 जून को भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा द्वारा युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रदेशभर के अलावा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों से सामाजिक बंधु भाग लेंगे। आगामी चुनाव को देखते हुए इसे महाकुंभ का नाम भी दिया जा रहा है।
जिसमें बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु भाग लेंगे। इसको लेकर शहरभर में होर्डिंग सज चुके हैं।आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, साधना सिंह चौहान समेत कई लोग शामिल होंगे।
आज सर्वधर्म ब्राह्मण समाज का महाकुंभ आज
आज चार जून को प्रदेश के सभी ब्राह्मण संगठन मिलकर एक ही मंच पर विशाल ब्राह्मण महाकुंभ हुंकार सम्मेलन करने जा रहे हैं। इस शक्ति प्रदर्शन में ब्राह्मण समाज की 11 सूत्रीय मांगों को सरकार के सामने रखा जाएगा। ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष गौरीशंकर कक्का ने बताया कि ब्राम्हण महाकुंभ के मुख्य अतिथि के रूप में सनातन धर्म के सबसे बड़े आचार्य द्वारिका पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती महाराज आ रहे हैं।
वहीं महाकुंभ में विशिष्ट अतिथि म प्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान होंगे। महाकुंभ में सभी राजनीतिक दलों के ब्राम्हण नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि ब्राह्मण समाज के सभी संगठन एक मंच पर आकर सभी राजनीतिक दलों को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि ब्राह्मणो के समर्थन बिना इस प्रदेश में किसी की भी सरकार बनने वाली नहीं है। वर्ष 2018 में भी ब्राह्मणो की नाराजगी के चलते भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। लेकिन जिस तरह से सभी राजनीतिक दल दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग पर नजर है। उसे देखते हुए अब सर्व ब्राम्हण समाज भी एक मंच पर आ गए हैं।