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संयुक्त संचालक पशु विभाग में अंगद के पैर की तरह से जमे हुए हैं कई सेटिंगबाज अधिकारी और कर्मचारी…चुनाव आयोग कीनजर इन पर क्यों नही जा रही है?

संयुक्त संचालक पशु विभाग में अंगद के पैर की तरह से जमे हुए हैं कई सेटिंगबाज अधिकारी और कर्मचारी…चुनाव आयोग कीनजर इन पर क्यों नही जा रही है? पशु विभाग में अंगद की पैर की भांति जमे कई सेटिंगबाज…चुनाव आयोग की नही जा रही नजर बिलासपुर : संयुक्त संचालक पशु विभाग में ग्रामीण क्षेत्रों में […]

संयुक्त संचालक पशु विभाग में अंगद के पैर की तरह से जमे हुए हैं कई सेटिंगबाज अधिकारी और कर्मचारी…चुनाव आयोग कीनजर इन पर क्यों नही जा रही है?
पशु विभाग में अंगद की पैर की भांति जमे कई सेटिंगबाज…चुनाव आयोग की नही जा रही नजर
बिलासपुर : संयुक्त संचालक पशु विभाग में ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित योजनाओं को लाभ देने वाले और इन योजनाओं के नाम से जनता को प्रभावित करने वाले कई सेटिंगबाज कर्मचारियों की माल मलाई धडल्ले से चल रही है कई तो ऐसे भी सेटिंगबाज है जिन्होंने अपने सेटिंग के चलते विधानसभा लोकसभा चुनाव निपटा दिये हैं पर सालो साल एक ही जगह रहने के बावजूद इन्हें स्थान्तरित या सीट परिवर्तन नहीं किया गया है बात चाहे विभाग की हो या विभाग से संबंधित अन्य हो इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका कोनी स्थित शासकीय पशुपालन डेयरी फार्म का हो या फिर शासकीय कुकुट फॉर्म का ले सकते है यंहा विगत कई सालों से जमे हुए हैं इनपर न जाने चुनाव आयोग की नजर क्यों नहीं जा रही हैं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सैकडो लीटर दूध पैदा होता है पर सो होता है 50से100 लीटर और बाकी दूध कहां जाता है इसका कोई जवाब नहीं किसी के पास किस किस को बाटा जाता है इसका सुध लेने वाला कोई नहीं है।और न ही विभाग में पदस्थ अधिकारी की ,कई अधिकारी आये गए पर क्या मजाल है जो इनका कुछ कर पाएं हो । जबकि यहां कई जनउपयोगी योजनाओं का लाभ विभाग से जुड़ा है वही इससे पहले जो भी यहाँ रहे उन्हें चुनाव आयोग ने या विभागीय नियम अनुसार इधर से उधर किया गया ।अब देखना यह है कि पशु विभाग में इन सेटिंग बाज अधिकारियों और कर्मचारियों पर कब तक नजर नहीं जाती हैं ।