जनता “स्टुपिड”,छत्तीसगढ़ में ED के आरोपियों ने वोटरों को ‘बेवकूफ’ बता ऐसे सजाई भ्रष्टाचार की दुकान, टुटेजा एंड कंपनी की चाटुकारिता में लीन नौकरशाही का नमूना,IPS अधिकारी की चैट, वायरल

जनता “स्टुपिड”,छत्तीसगढ़ में ED के आरोपियों ने वोटरों को ‘बेवकूफ’ बता ऐसे सजाई भ्रष्टाचार की दुकान, टुटेजा एंड कंपनी की चाटुकारिता में लीन नौकरशाही का नमूना,IPS अधिकारी की चैट, वायरल दिल्ली / रायपुर : लोकतंत्र में जनता को जनार्दन मानने वालो की कोई कमी नहीं। देश के कई बड़े राजनेताओ ने तो सार्वजानिक सभाओं में […]


जनता “स्टुपिड”,छत्तीसगढ़ में ED के आरोपियों ने वोटरों को ‘बेवकूफ’ बता ऐसे सजाई भ्रष्टाचार की दुकान, टुटेजा एंड कंपनी की चाटुकारिता में लीन नौकरशाही का नमूना,IPS अधिकारी की चैट, वायरल


दिल्ली / रायपुर : लोकतंत्र में जनता को जनार्दन मानने वालो की कोई कमी नहीं। देश के कई बड़े राजनेताओ ने तो सार्वजानिक सभाओं में जनता को सरकार की मालिक और उसके फैसलों को सिर आँखों पर लिया है। लोकतंत्र और राजनीति में तो जनता सर्वोपरी है,लेकिन छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार चला रहे अधिकारी जनता को स्टुपिड कहते है। वो इससे इत्तेफाक नहीं रखते कि राज्य में चुनी हुई सरकार के जरिये ही शासन चल रहा है।

यह ही नहीं तमाम घोटालो के जरिये ही उनकी और नेताओ की धन दौलत में इजाफा हो रहा है। जनता के मौन साध लेने से ही उनका काम धंधा चल रहा है, चौतरफा उगाही हो रही है। बहरहाल छत्तीसगढ़ में IT-ED के आरोपियों के साथ IPS अधिकारी आरिफ शेख की चैट चर्चा में है।

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छत्तीसगढ़ सरकार की बागडोर संभालने वाली टुटेजा की टुकड़ी का मानना है कि जनता “स्टुपिड” अर्थात मुर्ख है। ये हम नहीं कह रहें है,बल्कि ये तथ्य एक चैट का हिस्सा बताया जाता है। इन दिनों छत्तीसगढ़ की नौकरशाही के कई किस्से कहानियां चर्चा में है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट के गलियारों में कांग्रेस शासित यह राज्य खूब सुर्खियां बटोर रहा है।

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“देश की जनता स्टुपिड है”,feels Like how can be our countrymen so stupid छत्तीसगढ़ में बे-लगाम नौकरशाही और राजनेताओ के संयुक्त गिरोह ने सरकारी कामकाज छोड़ गैरकानूनी कारोबार का नया उपक्रम शुरू किया है। इसके तहत टुटेजा एंड कंपनी का समूचे सरकारी तंत्र में कब्ज़ा हो गया है। इस कारोबार में कई IPS अधिकारी “लठैत” बन गए है। वो अपने आकाओ के जरिए भ्रष्टाचार और अपराधों का बड़ा गैंग चला रहे है। इसमें कई नौकरशाहो और राजनेताओ के नौनिहाल भी हिस्सेदार बन गए है। वरिष्ठ IPS अधिकारी की यह चैट हैरान करने वाली है।” dekhte hai bhaiya, देखिए चैट

चैट में शेख आरिफ,यश टुटेजा को “भैया” कहकर सम्बोधित करते है,जबकि अनिल टुटेजा को दोनों “Boss” कहते है। चैट में बीजेपी की जीत से टुटेजा एंड कंपनी अपनी निराशा जता रही है,शेख आरिफ भी जनता के फैसले से मायूस है।मामला देश के विभिन्न हिस्सों में उपचुनाव में बीजेपी की जीत का है। इससे टुटेजा एंड कंपनी का जायका बिगड़ा नजर आता है। बताते है कि राजनीति के इस नए सिंडिकेट में “टॉम” की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस “टॉम” के कारनामे कई नौकरशाहो और राजनेताओ के गलियारों में अक्सर सुनाई देते है। हालाँकि चैट से लोगो को “TOM” के असली मालिक की तस्दीक अब जाकर हुई है। देखिए चैट….

दरअसल मुख्यमंत्री बघेल के विश्वासपात्र अधिकारी ही जनता को स्टुपिड समझते हो तब प्रदेश में कानून व्यवस्था का क्या हाल होगा बखूबी समझा जा सकता है। IT-ED और CBI का गलियारा हो या फिर प्रेस-मीडिया का दफ्तर, टुटेजा एंड कंपनी इन दिनों छाई हुई है। देखिए चैट….

बताते है कि सौम्या चौरसिया के जेल जाने के बाद तो कंपनी का शेयर जबरदस्त उछाल मार रहा है। इस बीच राजनैतिक गलियारों में टुटेजा बंधुओ के कारनामे सुर्ख़ियों में है। अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी जिस तर्ज पर कायदे-कानूनों की धज्जियाँ उड़ा रहे है,उससे सरकार के कल्याणकारी कार्यो के दावों पर भी सवालियां निशान लग रहा है। देखिए चैट….

ED के आरोपी अनिल टुटेजा के बेटे यश टुटेजा के साथ IPS अधिकारी शेख आरिफ के साथ कारोबारी रिश्तो वाली कई चैट काफी आपत्तिजनक भी बताई जाती है। उसमे राज्य के चीफ सेकेट्री से लेकर पूर्व और वर्तमान DGP के बारे में ऐसे तथ्य है, जो प्रशासन और राजनीति में खलबली मचा सकते है। हालांकि केंद्रीय एजेंसियों की जाँच और पत्रकारिता की जवाबदारियो के चलते ऐसी चैट के खुलासे से परहेज बरता गया है।

रायपुर के तत्कालीन SSP शेख आरिफ आखिर क्यों यश टुटेजा के साथ पुलिस और प्रशासन से जुडी तमाम वैधानिक जानकारियों और दस्तावेजों को इधर से उधर कर रहे थे, यह काफी गंभीर मामला बताया जाता है। सूत्र बताते है कि शासकीय जानकारियों और कई विभागों से जुडी चैट और दस्तावेजों का डिजिटल माध्यमों से आदान-प्रदान अपराधों के दायरे में है। देखिए चैट

बताते है कि कई चैट इसलिए गौरतलब है कि वो CBI के सेक्स सीडी कांड के गवाहों को प्रभावित करने और नान घोटाले को रफा-दफा करने से जुडी है। ये चैट वर्ष 2019-20 के दौरान की बताई जाती है, ये वो दौर था, जब अनिल टुटेजा, पूर्व चीफ सेकेट्री विवेक ढांड, सौम्या चौरसिया समेत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कई करीबियों के ठिकानो पर IT-ED ने छापेमारी की थी। इस दौरान अखिल भारतीय सेवाओं के कई अधिकारी केंद्रीय जाँच एजेंसियों के आरोपियों को बचाने में जुट गए थे। देखिए चैट

बताते है कि इसी दौर में शेख आरिफ काफी पॉवरफुल IPS के रूप में कार्य करने लगे थे। DGP बदलवाना हो या फिर जिलों में SP की नियुक्ति करनी हो, शेख आरिफ ट्रांसफर का फैसला करते थे। उनके फरमानो पर टुटेजा एंड कंपनी की मुहर के बाद कई सीनियर अधिकारियो को ठिकाने लगाने का सिलसिला शुरू हो गया था। छापेमारी के दौरान टुटेजा के ठिकानो से बरामद मोबाइल डाटा उतना ही खतरनाक बताया जा रहा है,जितना कि कोल माफिया सूर्यकांत तिवारी के ठिकानो से जब्त डायरी और दस्तावेज। बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ के मौजूदा सूरत ए हाल का नजारा काफी पहले ही तय हो गया था। हालाँकि IT-ED की छापेमारी से इस सिंडिकेट की गतिविधियों पर लगाम जरूर लगी। लेकिन उसका खात्मा एजेंसियों के लिए बड़ी चूनौती है।

भारतीय पुलिस सेवा 1986 बैच के अधिकारी डीएम अवस्थी को DGP के पद से ठिकाने लगाने वाली चैट भी पढ़िए। बताते है कि कायदे कानून के पालन पर जोर देने वाले डीएम अवस्थी को DGP से स्थनांतरित कर पुलिस ट्रेंनिंग संस्थान में पदस्थ कर दिया गया था। वो भी उस पद पर जिसमे अब तक AIG स्तर के अफसर तैनात होते रहे है। हालांकि हाल ही के महीनो में अवस्थी को ACB-EOW की कमान सौपी गई है। देखिए चैट

बताते है कि सौम्या चौरसिया और टुटेजा गुट के नेताओ के अवैध कारोबार के लिए पुलिस तंत्र का बेजा इस्तेमाल भी शुरू हो गया था। शेख आरिफ ने इसकी कमान भी अपने हाथो में संभाल रखी थी। चैट बताती है कि सत्ता की मदहोशी में शेख आरिफ ED के आरोपियों के आगे आखिर किस तरह से नतमस्तक हो गए थे। EOW के आरोपियों के अपराधों को भी रफा-दफा करने में शेख आरिफ की कई चैट चर्चा में है। बताते है कि सौम्या,टुटेजा समेत कई अधिकारियों के भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को ACB-EOW की बेरुखी ने आग में घी का काम किया था। इसी तर्ज पर टुटेजा बंधुओ के अलावा शेख आरिफ,सौम्या चौरसिया के सपनो को साकार करने में जुटे थे। देखिए चैट

चैट में सेक्स सीडी कांड, रिंकू खनूजा आत्महत्या प्रकरण, नान घोटाला, अदालतों में जजों को सेट करने, कई वरिष्ठ अधिकारियो को घेरने, हाउसिंग बोर्ड में ठेको में भ्रष्टाचार, रोजाना नए-नए ग्राहकों की तलाश, कई अपराधों में लिप्त असल आरोपियों को बचाने का जिक्र है। ये वो गंभीर मामले है, जिनकी सुनवाई निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में चल रही है। बताया जाता है कि रायपुर से लेकर बिलासपुर तक जजों के साथ सेटिंग को लेकर शेख आरिफ अक्सर चर्चा में रहते थे। रायपुर के पूर्व जिला जज और मौजूदा विधि सचिव राम कुमार तिवारी के जरिये न्याय पालिका में सेंधमारी कर न्याय को प्रभावित करने की मुहिम भी चर्चा में है। देखिए चैट

जानकारी के मुताबिक रामकुमार तिवारी के संपर्क में रायपुर जिला न्यायालय में पदस्थ कुछ जज न्याय का सौदा करते थे। राम कुमार तिवारी की खास डीपीओ हिना यास्मीन खान आरोपियों और पीड़ितों से मिल कर दोनों ओर से उगाही करते थे। तिवारी और हिना यास्मीन खान से जुड़े कई मामलो की शिकायत सुप्रीम कोर्ट की विजिलेंस को भी की गई है।

बताते है कि कोल खनन परिवहन घोटालो के मुख्य आरोपियों सूर्यकान्त तिवारी लक्ष्मीकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी और कैलाश तिवारी से विधि सचिव राम कुमार तिवारी की करीब की रिश्तेदारी है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक राम कुमार तिवारी और अनिल टुटेजा ने नए मिशन की शुरुआत कर राजनीति के अपराधीकरण की सुनियोजित नींव रखी है। टुटेजा पुत्र भी इस मामले में हाथ से हाथ मिला रहे है। ये चैट कई बड़े अपराधों की वो दास्तान है,जो भारत सरकार के लिए भी जांच का विषय बताया जाता है। बताते है कि अदालती सौदों के लिए डीपीओ हिना यास्मीन खान वसूली का कार्य करती थी।

सौदा तय के लिए वो मॉल और सार्वजनिक स्थानों में फरियादियो को बुलाया करती थी। इस बारे में रायपुर पुलिस को फरियादियो ने हिना यास्मीन खान के ऑडिओ टेप सौप कर उगाही की शिकायत भी की थी। लेकिन पुलिस ने विधि विभाग के दबाव में महीनो बाद भी उक्त शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया।बताया जाता है कि हीना यास्मीन खान को छत्तीसगढ़ पुलिस का विशेष संरक्षण प्राप्त है। वो प्रदेश की पहली ऐसी DPO है,जिन्हे सरकारी वाहन के साथ पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराइ गई है। बताते है कि अवैध वसूली के मामलों में अक्सर खतरा मंडराता है,लिहाजा सौदेबाजी की सुरक्षा भी बेहद जरुरी बताई जाती है।

कोल खनन परिवहन घोटाले में आरोपियों के साथ विधि विभाग की नरमी से सरकार के मंसूबो पर सवालियां निशान लग रहा है। आरोपियों के साथ राज्य के विधि सचिव राम कुमार तिवारी की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। बताते है कि इस गिरोह से संबंद्ध कई जजों के फैसलो की समीक्षा की कई पीड़ितों ने गुहार भी लगाई है। जबकि कई पीड़ित शेख आरिफ जैसे अफसरों की गैर क़ानूनी गतिविधियों के दबाव में चुप्पी साधे हुए है। पीड़ितों की अदालत से गुहार चर्चा में है। देखिए चैट

शेख आरिफ, बतौर SSP रायपुर आखिर क्यों अनिल टुटेजा और उसके पुत्र यश टुटेजा को नियमित रूप से रिपोर्टिंग करते थे,यह लोगो की समझ से परे बताया जाता है।लोगो का मानना है कि शेख आरिफ के विभागीय वरिष्ठ अधिकारी के रूप में तददौरान भी पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज में ‘IG’ और PHQ में DGP की नियमित पोस्टिंग थी। इसके बावजूद भी टुटेजा के लड़के को शेख आरिफ का पुलिस ब्रीफिंग करना चर्चा में है। देखिए चैट

बताते है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने समस्त नियमो को शिथिल करते हुए, यश टुटेजा को DGP या IG के पद का ठेका भी नहीं सौंपा है। ऐसे में बगैर राजपत्र में प्रकाशित किस आदेश के पालन के तहत टुटेजा के लड़के को SSP रायपुर शेख आरिफ पुलिस ब्रीफिंग कर रहे थे, उस आदेश को खोजा जा रहा है। देखिए चैट

बताया जाता है कि अनिल टुटेजा की तर्ज पर आरिफ शेख उनके पुत्र यश टुटेजा की भी ‘जी हुजूरी’ किया करते थे। जबकि पिता-पुत्र दोनों IT-ED के कुख्यात आरोपियों में से एक है। पिता-पुत्र, दोनों के खिलाफ दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मामला भी विचाराधीन है। बताते है कि मात्र 26 वर्षीय यश टुटेजा की चल-अचल संपत्ति सैकड़ो करोडो में है। ये और बात है कि नामी-बेनामी संपत्ति को लेकर बड़ा झोल है। केंद्रीय एजेंसियां इसी चक्कर में छत्तीसगढ़ में डटी हुई है। देखिए चैट

जानकारी के मुताबिक टुटेजा एंड कंपनी में शामिल होने के बाद शेख आरिफ ने सौम्या चौरसिया की गुड बुक में सबसे ऊपर अपना नाम लिखवा लिया था। शेख आरिफ की चैट बताती है कि उनकी कार्यप्रणाली ने नौकरशाही में राजनैतिक भ्रष्टाचार को नयी दिशा दी है। ये चैट ऐसे ही तथ्यों की बानगी मात्र है। बताया जाता है कि असल चैट में तो न्यायपालिका और विधायिका की जमीनी हकीकत काफी सनसनीखेज है।

छत्तीसगढ़ में नान घोटाले के मुख्य आरोपियों में अनिल टुटेजा का नाम शामिल है। बिलासपुर हाई कोर्ट से उसे अग्रिम जमानत प्राप्त है। ED ने सुप्रीम कोर्ट तक में मुख्यमंत्री बघेल और अनिल टुटेजा के खिलाफ याचिका दायर की है, इसमें बघेल पर घोटाले के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया गया है,जबकि ED ने आरोपी टुटेजा की अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग की है। मामलो की सुनवाई जारी है।

आरोपी अनिल टुटेजा अदालत के अंदर और बाहर अपनी बेगुनाही के कई दावे कर रहा है।अग्रिम जमानत के दिशा निर्देशों की अवहेलना उसकी दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ये चैट आरोपी पिता-पुत्र की रसूख की वो मिसाल बताई जाती है जो अदालत के लिए भी चिंता का विषय है। ऐसे में टुटेजा एंड कंपनी की ये चैट, हकीकत को मुँह चिढ़ाते प्रतीत होती है।

बताते है कि टुटेजा एंड कंपनी के सहयोग से शेख आरिफ के कारोबार में भी उछाल आया है। इस दंपत्ति की चल-अचल संपत्ति में भी बीते 4 सालो में जबरदस्त इजाफे की खबर है। ‘सबका साथ सबका विकास’ के मूलमंत्र से जुडी चैट में BJP और कांग्रेस के कई नेताओ को हमाम में एक साथ देखा जा सकता है। बताते है कि शेख आरिफ नियमित ब्रीफिंग में कई नेताओ की निजी जिंदगी से भी टुटेजा बंधुओ को अवगत कराया जाता था। देखिए चैट

शेख आरिफ और यश टुटेजा के बीच सरकारी कार्यों से जुडी गोपनीय और महत्वपूर्ण फाइलों के अलावा दस्तावेजों का भी काफी नियमित आदान-प्रदान होता था, चैट बताती है कि अनिल टुटेजा के अलावा शेख आरिफ,उनके पुत्र यश टुटेजा के भी बेहद करीब कारोबारी रिश्ते है। दोनों के बीच सरकारी और गैर सरकारी साजिशो के साथ-साथ IT-ED और CBI के आरोपियों को अपराधों से छुड़ाने के लिए सरकारी तंत्र के पूरे नेटवर्क पर निगरानी रखी जाती थी। देखिए चैट

यह भी दिलचस्प तथ्य है कि शेख आरिफ जैसे वरिष्ठ अधिकारी प्रभावशील आरोपियों के कब्जे में आ जाते है,केंद्रीय जाँच एजेंसियों के आरोपियों के साथ मिलकर पुलिस तंत्र का दुरूपयोग तक से पीछे नहीं रहते। जबकि प्रदेश में सैकड़ो IAS, IPS और IFS, टुटेजा एंड कंपनी के अपराधों को लेकर काफी सजग है,उनके गैरकानूनी निर्देशों के पालन में कन्नी काटते नजर आते है। सत्ता की मलाई के साथ बम्बई के प्रसिद्द अल्फेनजो आम का स्वाद काफी लजीज बताया जाता है। देखिए चैट

शेख आरिफ का ED के आरोपियों के साथ-साथ मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार के कामकाज पर पैनी निगाह रखना भी चर्चा में है। MP me CM ke close ke yaha raid hui hai उनका सन्देश results r too disappointing एवं waha pe destabilize karenge गौरतलब है। देखिए चैट

चैट में शेख आरिफ की पसंदीदा होटल भी अपने कारोबार को लेकर अक्सर चर्चा में रहती है। बताते है कि यहां टुटेजा के संरक्षण में हुक्का बार समेत तमाम प्रतिबंधित कार्य सहज उपलब्ध है। इसके लिए 24×7 घंटे सर्विस पुलिस सुरक्षा में भी उपलब्ध रहती है। सत्ता का दुरूपयोग किस हद तक किया जा सकता है,सिंडिकेट के तमाम ठिकाने इसका नमूना है। कोरोना काल में तो यहां ब्लैक के भाव दारू की नदियां तक बह चुकी है।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश भर की अन्य होटलो पर लागू नियम टुटेजा की अघोषित होटलो में लागू नहीं होता। इसे लागू करवाने में प्रयास करने वाले पुलिस के हर स्तर के कर्मियों को अपने आलाधिकारियों की डांट-डपट के आम मामलों के चलते अब पुलिस ने इस ओर रुख करना ही छोड़ दिया है। शराब कारोबार में शेख आरिफ की दिलचस्पी भी चर्चा में है। बताते है कि प्रदेश की कई होटल और बार में साहब का सिक्का चलता है। देंखे चैट

इस चैट में रायपुर के बहुआयामी केबल कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा से जुडी आपराधिक वारदातों को संरक्षण देने के लिए तत्कालीन SSP रायपुर का संदेशा भी चर्चा में है। आरिफ शेख आखिर क्योँ ? अनिल टुटेजा और उसके पुत्र यश टुटेजा को प्रत्येक सरकारी कार्यवाही से अवगत करा कर दिशा निर्देश माँगा करते थे। यही नहीं,होरा के शराब कारोबार में उनकी आखिर क्योँ दखलंदाजी थी। यह चैट रहस्यों से भरी बताई जाती है।

चैट बताती है कि SSP रायपुर आरिफ शेख,टुटेजा गैंग के लिए किसी “लठैत” की तर्ज पर काम कर रहे थे,प्रदेश के कई जिलों में होरा के खिलाफ गंभीर शिकायते है। उसके अपराधों पर अंकुश लगाने के बजाए पुलिस अधिकारी उसे किस तरह से संरक्षण प्रदान करते है। इसका नमूना इस चैट में है। देंखे चैट

टुटेजा का राइट हैंड होने के अलावा साहब की संपत्ति संभालने, संबंधी होरा के कई दावे पुलिस और प्रशासन में चर्चित रहते है। हाल ही में उसका एक ऑडियो वायरल हुआ था। इसमें होरा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कई अधिकारियों के बारे में आपत्तिजनक दावा भी किया था ।

कई चैट में होरा ने शेख आरिफ पर किसी राजेश खन्ना एवं अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने पर जोर दिया है। यही नहीं सरकारी साजिशो को अमलीजामा पहनाने के लिए अनिल और आरिफ के बीच यश सेतु का भी काम कर रहे थे। उनका कथन Actually Boss had asked me to show you a letter गौरतलब है। देंखे चैट

छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय सेवाओं के कई अफसर आम जनता, पत्रकारों और कारोबारियों पर फर्जी आपराधिक प्रकरण दर्ज कर रहे है। यह चैट इसका नमूना है। यह भी बताया जा रहा है कि सिर्फ आरिफ शेख ही नहीं बल्कि कई अन्य कई और ऐसे अफसर है,जिनके तार राज्य के संगठित आपराधिक गिरोह से जुड़े हुए है। उनके काले कारनामो के चलते ही मंत्रालय तक में केंद्रीय जाँच एजेंसियां छापामार कार्यवाही में जुटी है

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