छत्तीसगढ़ की मनी लॉन्ड्रिंग इंडस्ट्री में IAS और IPS अफसरों के काले कारोबार पर ED की जांच में तेजी , अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों के गिरोह की शिनाख्ती के बाद CBI की दस्तक के भी आसार , अब नजर परिवहन विभाग पर

छत्तीसगढ़ की मनी लॉन्ड्रिंग इंडस्ट्री में IAS और IPS अफसरों के काले कारोबार पर ED की जांच में तेजी , अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों के गिरोह की शिनाख्ती के बाद CBI की दस्तक के भी आसार , अब नजर परिवहन विभाग परदिल्ली / रायपुर : छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग , हवाला ,कोल कारोबार , […]


छत्तीसगढ़ की मनी लॉन्ड्रिंग इंडस्ट्री में IAS और IPS अफसरों के काले कारोबार पर ED की जांच में तेजी , अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों के गिरोह की शिनाख्ती के बाद CBI की दस्तक के भी आसार , अब नजर परिवहन विभाग पर
दिल्ली / रायपुर : छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग , हवाला ,कोल कारोबार , अवैध परिवहन और सरकारी तिजोरी पर हाथ साफ करने के मामलो में IAS और IPS अफसरों की भागीदारी सामने आने के बाद ED ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। सूत्रों के मुताबिक ED को विभिन्न सरकारी योजनाओं में सेन्ट्रल फंडिग में भ्रस्टाचार और दुरूपयोग के मामलो की शिकायतो पर भी संज्ञान लेने के निर्देश दिए गए है।

बताया छत्तीसगढ़ में कई केंद्रीय मदद वाली योजनाओं में हुए भ्रस्टाचार को लेकर स्थानीय दफ्तर और केंद्रीय मुख्यालय में समय – समय पर ढेरो शिकायते प्राप्त हुई थी। सूत्रों का दावा है कि इन शिकायतों को संज्ञान में लेकर ED के अफसर एक ड्राफ्ट तैयार कर रहे है। जल्द ही इसको भी अमली जामा पहनाये जाने के आसार जाहिर किये जा रहे है।

सूत्रों के मुताबिक ED की कार्रवाई में तेजी के लिए 6 नई टीम और CRPF की 3 बटालियन अलर्ट मोड़ पर है। इधर रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू से पूछताछ शुरू हो गई है। उसके बंगले और दफ्तर से कई फाइलों और डाटा रिकवरी को ED द्वारा कब्जे में लिया गया है।

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रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी के साथ काले कारनामो को अंजाम देने वाले कई अफसरों और कारोबारियों को तलब किये जाने की खबर है। सूत्रों के मुताबिक आज देर शाम तक रानू साहू के खिलाफ ED की मुकम्मल करवाई के आसार नजर आ रहे है।

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यह भी बताया है कि कई घंटो तक अपने दफ्तर और बंगले से नदारत रही रानू साहू की दलीलों की तस्दीक भी ED ने की है। जानकारी के मुताबिक घंटो गायब रही रानू साहू ने ED को पत्र लिखकर सूचित किया था कि वे इलाज के लिए हैदराबाद गई हुई थी।

सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पदस्थ अखिल भारतीय सेवाओं के भ्रष्ट अफसरों की कुंडली में काले कारनामो की दस्तावेजी फहरिस्त तैयार करने के लिए ED ने अपने दरवाज़े जनता के लिए खोल रखे है। IAS , IPS और IFS अफसरों की गैर क़ानूनी गतिविधियों एवं काले कारनामो की शिकायत उसके दिल्ली और रायपुर दफ्तर में सीधे की जा सकती है।

बताया जाता है कि कई ट्रांसपोर्टरों और सरकारी योजनाओ में काम करने वाले ठेकेदारों ने IAS और IPS अफसरों की अवैध वसूली के फरमान और प्रताड़ना के मामलो को ED के संज्ञान में लाया है। ये ट्रांसपोर्टर परिवहन विभाग के जरिये कोयले और अन्य खनिजों की ढुलाई के लिए लेव्ही दिया करते थे |

जानकारी के मुताबिक अधिकारियों को PHE विभाग के कई ठेकेदारों ने भी अवैध वसूली और गुणवत्ताविहीन कार्यो से अवगत कराया है। इसमें जल जीवन मिशन से जुड़े ठेकेदार बताये जाते है। उन्होंने अपने शिकायती पत्र में ED से कहा है कि विभाग में सेन्ट्रल फंडिंग वाली जल जीवन मिशन योजना में इस वित्तीय वर्ष के लगभग 4 हजार करोड़ के बिलो के भुगतान के लिए 20 फीसदी से ज्यादा का कमिसन वसूला जा रहा है।

यही नहीं विभाग में इम्पैनल्ड सामानों की सप्लाई में भी इतना ही कमीशन देना होता है। ठेकेदारों ने जांजगीर , राजनांदगांव ,कवर्धा , महासमुंद ,बेमेतरा और गरियाबंद के कार्यपालन यंत्रियों की शिकायत की है।

छत्तीसगढ़ में भ्रस्टाचार के खिलाफ जंग में ED को बड़ी कामयाबी मिली है। उसने पहले ही झटके में कोल कारोबार की जैसे ही कालिख हटाई , IAS और IPS अफसरों का काला बाजार उसे नजर आने लगा। बताया जाता है कि माइनिंग विभाग के बाद ED को परिवहन विभाग की हिस्सेदारी में तेज रफ़्तार दौड़ रहे हजारो डोजर – डम्फर , JCB , ट्रेक्टर ट्रॉली सब कुछ साफ़ – साफ़ दिखाई देने लगा है। सूत्रों के मुताबिक परिवहन विभाग के काले कारनामो को देखकर अफसर हैरत में है।

बताया जाता है कि माइनिंग कारोबार में परिवहन विभाग का पूरा संचालन भी सूर्यकान्त तिवारी और उसके गुर्गो के हाथो में था। यहाँ से अकेले उसे हर – माह लगभग 13 करोड़ रूपए की शुद्ध अवैध आमदनी होती थी।

जबकि विभाग से वसूली गई शेष रकम परिवहन विभाग के जेब में जाती थी। ED के छापो से उजागर हुआ है कि सूर्यकान्त तिवारी की रोजाना कमाई एक से दो करोड़ रूपए तक थी। इस कमाई में परिवहन विभाग की बड़ी हिस्सेदारी तय होती थी।

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