बिलासपुर में ज्वेलरी शॉप का शटर तोड़ लाखों के गहने चोरी, नाइटी पहनकर चोरों ने दिया वारदात को अंजाम

रातोंरात लाखों के गहने गायब, मस्तूरी पुलिस डॉग स्क्वायड के साथ चोरों की खोज में जुटी

बिलासपुर/ बिलासपुर के मस्तूरी थाना क्षेत्र में रविवार देर रात एक ज्वेलरी शॉप का शटर तोड़कर लाखों रुपए के कीमती गहने चोरी कर लिए गए। इस पूरी घटना का खुलासा सोमवार सुबह हुआ जब दुकानदार के शटर टूटे हुए देखे। चोरी का यह वारदात जयरामनगर स्थित संजय ज्वेलर्स की है, जिसके संचालक संजय सोनी कोटमीसोनार के रहने वाले हैं।

जैसे ही संजय सोनी ने दुकान बंद कर घर वापसी की, तब तक किसी को अंदाजा नहीं था कि कुछ घंटे बाद उनकी दुकान में चोरी हो जाएगी। सोमवार सुबह दुकान का शटर टूटा देखकर आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। इस खबर ने तुरंत ही पूरे इलाके में बेचैनी फैला दी। घटनास्थल पर पहुंचे दुकानदार ने पुलिस को सूचित किया। इसके बाद पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटना की जांच शुरू कर दी।

पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की तो चोरी का पूरा सच सामने आ गया। चोरों का एक गिरोह कैमरे में कैद हो गया है। वीडियो में देखा गया कि गिरोह के लगभग पांच सदस्य नाइटी और चेहरे पर कार्टून वाले मुखौटे पहने हुए थे। इनके हाथों में लोहे के औजार थे, जिनसे उन्होंने दुकान का शटर तोड़ा और अंदर घुसकर गहनों को बोरी में भरकर ले भागे। चोरों ने अपनी पहचान छुपाने के लिए महिलाओं के गाउन और मुखौटे पहने थे, जिससे उनका चेहरा नहीं पहचाना जा सका।

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संजय सोनी के मुताबिक, चोरी की गई ज्वेलरी की कीमत लाखों में है। हालांकि, पूरी चोरी की मात्रा और कीमत का सही आंकलन अभी पुलिस की जांच के बाद ही संभव होगा। पुलिस ने डॉग स्क्वायड और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद से आरोपियों की खोजबीन शुरू कर दी है।

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मस्तूरी थाना प्रभारी हरीश तांडेकर ने बताया कि चोरों ने मुख्यत: आधा किलो चांदी के गहने ही चोरी किए हैं, क्योंकि अधिकतर सोने-चांदी के गहने दुकानदार अपने साथ घर ले जाते हैं। दुकान में मुख्य रूप से चांदी के गहने और नकली गहने शो के लिए रखे थे, जिन्हें चोरों ने निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि चोरी की गई वस्तुओं की कीमत करीब एक लाख रुपये आंकी गई है।

इस घटना के बाद इलाके में व्यापारी और स्थानीय लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पुलिस ने क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है और पूरे इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। साथ ही चोर गिरोह की पहचान और गिरफ्तारी के लिए डॉग स्क्वायड की सहायता भी ली जा रही है।

 

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