2200 करोड़ का शराब घोटाला: EOW की पांचवी चार्जशीट में बड़ा खुलासा, 28 अफसर की गिरफ्तारी, संख्या बढ़ने की संभावना

2200 करोड़ का शराब घोटाला: EOW की पांचवी चार्जशीट में बड़ा खुलासा, 28 अफसर की गिरफ्तारी, संख्या बढ़ने की संभावना

छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ के शराब घोटाले में बड़ा खुलासा, EOW की पांचवीं चार्जशीट में 28 अफसर नामजद, गिरफ्तारियों की संभावना बढ़ी।

रायपुर: छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की जांच कर रहे EOW के अफसरों ने आज कोर्ट में आबकारी अधिकारियों के खिलाफ चालान पेश किया। शराब घोटाले में 23 से ज्यादा आबकारी अफसर आरोपी हैं। आबकारी की जांच में खुलासा हुआ है, कि अफसरों ने सिंडिकेट बनाकर शराब घोटाले में पूरा साथ दिया। शराब घोटाला करने के एवज में अफसर हर साल 70 करोड़ की वसूली करते थे।

EOW की जांच में सामने आया है, कि तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास को हर महीने 50 लाख रुपए दिया जाता था। यह पैसा एपी त्रिपाठी के माध्यम से उनके पास पहुंचा था। सिंडिकेट में शामिल हर अफसर का कमीशन तय था। चार साल में अफसरों ने अवैध उगाही करके करोड़ों की संपत्ति बनाई है।

EOW के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हर साल डुप्लीकेट शराब बेचकर अवैध उगाही करने वाले अफसरों ने अपने अवैध पैसों को जमीन, चहेतों को कारोबार और कर्जदारों को दिया है। शराब घोटाला के लिए प्रदेश के 15 जिलों को चुना गया था। यहां पर पदस्थ आबकारी अधिकारी को 150 रुपए प्रति पेटी कमीशन के रूप में मिलता था।

Read More गायनिक वार्ड में शर्मनाक खुलासा: HIV महिला की पहचान उजागर, बेड साफ करवाने का आरोप, पति ने दी पुलिस और डीन को लिखित शिकायत

इन जिले को शराब घोटाले में शामिल किया गया था। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, कबीरधाम,बालोद, धमतरी, महासमुंद, रायगढ़,कोरबा, गरियाबंद,मुंगेली, बेमेतरा, मुंगेली और बलौदा बाजार है। वर्ष अप्रैल 2019 से जून 2022 के बीच आबकारी अधिकारियों ने सिंडिकेट के तहत 2174.60 करोड़ की 60 लाख अवैध शराब बेची। खास बात यह रही की सरकारी कागजों में रिकॉर्ड ना दर्ज करने की उच्च दर्जे के अधिकारियों ने हिदायत की थी। इसी के चलते डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब बिना शुल्क अदा किया दुकानों तक पहुंचाई गई। 

Read More छत्तीसगढ़ में जमीन की दरों पर बड़ा उलटफेर: कई बढ़ोतरी हुई वापस, आम जनता को मिली राहत

2019 से 2023 तक शराब सप्लायरों से जिला आबकारी अधिकारियों ने 319 करोड़ रुपए की वसूली की है। यह पैसा सिंडिकेट को पहुंचाया गया। अप्रैल 2019 से जून 2022 तक अवैध शराब बेचकर 280 करोड़ रुपए वसूले गए। हर साल 70 करोड़ से ज्यादा की वसूली का टारगेट था। जिला आबकारी अधिकारियों ने इस दौरान 2174.60 करोड़ की 60 लाख पेटी अवैध शराब बेची।

शराब खपाने का रिकॉर्ड सरकारी कागजों में ना चढ़ाने की नसीहत दुकान संचालकों को दी गई। डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब बिना शुल्क अदा किए दुकानों तक पहुंचाई गई। जांच एजेंसी ने चार्जशीट में बताया है कि फरवरी 2019 से आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार शुरू हुआ। शुरुआत में हर महीने 800 पेटी शराब से भरी 200 ट्रक डिस्टलरी से हर माह निकलती थी। एक पेटी को 2840 रुपए में बेचा जाता था।

उसके बाद हर माह 400 ट्रक शराब की सप्लाई शुरू हो गई। प्रति पेटी शराब 3,880 रुपए में बेचा जाने लगा। ईओडब्ल्यू की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि तीन साल में 60 लाख से ज्यादा शराब की पेटियां अवैध रूप से बेची गई।

जांच डायरी में इन लोगों के नाम शामिल है--
1-निरंजन दास तत्कालीन आबकारी आयुक्त 
2-जनार्दन कौरव तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी रायपुर 
3-अनिमेष नेताम तत्कालीन आबकारी उपयुक्त जिला धमतरी 
4- विजय सेन शर्मा तत्कालीन उपायुक्त महासमुंदजिला 
5-अरविंद कुमार पटेल तत्कालीन आबकारी सहायक आयुक्त 
6-प्रमोद कुमार नेताम सहायक आयुक्त आबकारी 
7-रामकृष्ण मिश्रा तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी 
8- विकास कुमार गोस्वामी तत्कालीन आयुक्त रायपुर 
9-इकबाल तत्कालीन खान जिला आबकारी अधिकारी 
10-नितिन खड़ंजा तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी 
11-नवीन प्रताप सिंह तोमर तत्कालीन जिला आबकारीअधिकारी 
12-मंजूश्री कशेर तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी 
13-सौरभ बक्शी तत्कालीन सहायक आयुक्त 
14-दिनकर वासनिक तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी 
15-अशोक कुमार सिंह तत्कालीन आबकारी अधिकारी 
16-मोहित कुमार जायसवाल जिला आबकारी अधिकारी 
17-नीतू नोतानी सहायक आयुक्त आबकारी 
18-रवीश तिवारी सहायकउपयुक्त 
19-गरीब पाल दर्दी आबकारी अधिकारी 
20-नोहर ठाकुर आबकारी अधिकारी 
21-सोनम नेताम सहायक आयुक्त

लेखक के विषय में

More News

वन्यजीवों के लिए खतरे की घंटी: बाघ की संदिग्ध मौत, जांच जारी

राज्य