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आयरन और जमीन कारोबारियों के 50 ठिकानों पर आयकर विभाग का बड़ा छापा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बड़े कारोबारियों की 'काला धन' तिजोरी पर एक बार फिर ताला पड़ने की तैयारी है। आयकर विभाग (आईटी) की टीमों ने आज सुबह लोहा और जमीन कारोबारियों के 50 से ज़्यादा ठिकानों पर एक साथ बड़ी छापेमारी की। यह कार्रवाई रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और रायगढ़ जैसे प्रमुख शहरों में की गई है। जिन कारोबारियों के ठिकानों पर दबिश दी गई है, वे मुख्य रूप से स्पंज आयरन, स्टील रोलिंग, पॉवर प्लांट और जमीन के धंधे से जुड़े हैं।
सीआरपीएफ की सुरक्षा में दस्तावेज़ खंगाले जा रहे, ED भी सक्रिय
छापेमारी के दौरान किसी भी विरोध या गड़बड़ी से बचने के लिए 100 से ज्यादा सीआरपीएफ (CRPF) के जवान मौके पर तैनात किए गए हैं। आईटी की टीमें सभी ठिकानों पर दस्तावेजों की गहन जांच कर रही हैं। खासकर जमीन कारोबारियों के कई ठिकानों से महत्वपूर्ण फाइलें और रिकॉर्ड खंगाले जाने की खबर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विभाग को इन कारोबारियों द्वारा कर चोरी और बेनामी संपत्ति बनाने की पुख्ता शिकायतें मिली थीं, जिसके आधार पर यह बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रदेश में एक के बाद एक जाँच एजेंसियों की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। सिर्फ आईटी ही नहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी लगातार सक्रिय है। 30 नवंबर को मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने में रिश्वतखोरी के एक बड़े मामले में ईडी ने छत्तीसगढ़ समेत 8 राज्यों में रेड डाली थी और रायपुर स्थित रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज भी इसमें शामिल था। ईडी अधिकारियों ने यहाँ से डीवीआर, मोबाइल फोन, पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क जैसे कई डिजिटल सबूत जब्त किए थे। ईडी के सूत्रों ने बताया कि रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी से उनके घर पर पूछताछ की गई और बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज़ भी मांगे गए हैं। टेक्निकल टीम इन सबूतों की गहन जांच कर रही है, जिससे इस बड़े रैकेट का पर्दाफाश हो सके।
शराब और DMF घोटालों में भी हुई थी दबिश
इससे पहले, 11 दिन पहले भी यानी 24 नवंबर को ACB-EOW (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो - आर्थिक अपराध शाखा) की टीमों ने भी 19 ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी। यह कार्रवाई शराब घोटाला और डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) से जुड़े मामलों की जांच को आगे बढ़ाते हुए की गई थी। डीएमएफ घोटाले में हरपाल सिंह अरोड़ा और उनसे जुड़े ठेकेदारों के रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा, कोंडागांव, धमतरी और बलरामपुर स्थित 11 ठिकानों पर खोजबीन की गई थी। वहीं, शराब घोटाले में जेल में बंद पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और निरंजन दास से जुड़े बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और बस्तर के 8 स्थानों पर भी छापे मारे गए थे। यह साफ है कि छत्तीसगढ़ अब लगातार केंद्रीय और राज्य जाँच एजेंसियों के रडार पर है और आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
