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देशभर में ट्रेडिंग के नाम पर ठगी का जाल: दो कंपनियों के खातों में 2283 करोड़ का संदिग्ध लेन-देन, भोपाल STF के गिरफ्त में 2 ठग

भोपाल: भोपाल STF ने बोटब्रो (BotBro) ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाली दो कंपनियों का खुलासा किया है। यह गैर रजिस्टर्ड कंपनियां देशभर में लोगों से निवेश के नाम पर मोटी रकम ऐंठ रही थी। जांच में इन कंपनियों के 16 खातों में 2283 करोड़ रुपए का लेन-देन मिला है। यह राशि रेनेट टेक्नोलॉजी प्रा.लि. और किंडेंट बिजनेस सॉल्यूशन प्रा. लि. के खातों में आई थी। एसटीएफ ने 90 करोड़ की रकम फ्रीज करवाई है।
एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया और नवीन चौधरी ने बताया कि अभी गिरोह के दो सदस्य दिल्ली से पकड़े गए हैं। इनकी पहचान मदन मोहन व दीपक शर्मा के रूप में हुई है। दोनों आरोपी यॉर्कर एफएक्स व यॉर्कर कैपिटल नाम की कंपनी के लिए काम कर रहे थे।
यह कंपनी बोटब्रो ट्रेडिंग में ज्यादा मुनाफे का लालच देकर लोगों से पैसा वसूल रही थी। बाकी आरोपियों को भी पुलिस तलाश रही है। मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। इसमें डीएसपी जगदीश सिंह सिद्धू और इंस्पेक्टर हरिसिंह धारवे की टीम लगी है। ईडी भी फेमा एक्ट के तहत जांच कर रही है।
- दोनों आरोपी दिल्ली के मॉल में दिखावे के लिए नौकरी करते हैं, ताकि उन पर कोई शक न करे।
- दोनों आरोपियों के मोबाइल की सीडीआर निकाली जा रही है। दोनों के पासपोर्ट भी देखे जा रहे हैं।
जालसाज ऐसे करते थे ठगी
हर साल अप्रैल में नए नाम से खाता खुलवाते थे और अगले साल मार्च से पहले बंद कर देते थे। ऐसे 20 से ज्यादा खाते सामने आए हैं। किंडेंट कंपनी ने एमसीए को 2023-24 में ट्रायल बैलेंस में 1.1 करोड़ रुपए दिखाए। लेकिन जनवरी 2023 से दिसंबर 2024 के बीच इसके खातों में 703 करोड़ की एंट्री मिली है। रेनेट टेक्नोलॉजी ने ट्रायल बैलेंस 7.2 करोड़ बताया, लेकिन असल में उसके खातों में 1580 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है। दोनों कंपनियां न आरबीआई में रजिस्टर्ड थीं, न एनबीएफसी या पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में है। कंपनियों पर 6 राज्यों में 12 FIR दर्ज हैं।
इंदौर के कारोबारी ने की थी शिकायत, एसटीएफ ने 90 करोड़ किए फ्रीज
इंदौर निवासी ईशान सलूजा ने एसटीएफ में शिकायत की। उन्होंने बताया कि जालसाज मदन मोहन और दीपक शर्मा यॉर्कर एफएक्स और यॉर्कर कैपिटल कंपनी के नाम से टेलीग्राम पर लिंक भेजते थे। जालसाज फ्लाइट से इंदौर आए थे। उन्होंने कहा कि हर महीने 6-8 प्रतिशत मुनाफा देने का झांसा दिया था। ईशान से 20.18 लाख रुपए ले लिए। जांच में सामने आया कि इन नामों से कोई कंपनी रजिस्टर्ड नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक, इस ठगी की लिंक दुबई से जुड़ती नजर आ रही है। शक है कि वहां बैठा मास्टरमाइंड गिरोह को चला रहा है। फिलहाल 90 करोड़ की रकम फ्रीज है। बाकी रकम कहां गई ? इसका पता लगाया जा रहा है।
STF की कार्रवाई में दिल्ली से पकड़े गए दोनों आरोपियों ने बताया कि वे कंपनी के नाम से लोगों को टेलीग्राम लिंक भेजते थे। लिंक पर क्लिक करने वालों को बोट-ब्रो ट्रेडिंग में फंसाया जाता था। फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर रेनेट और किंडेंट कंपनी के खातों में रकम मंगवाई जाती थी। बोट-ब्रो के मेटा अकाउंट में डॉलर दिखाया जाता था और करंसी कन्वर्ट कर फॉरेक्स मार्केट में निवेश बताया जाता था। एक्सपर्ट का कहना है कि जालसाज बोट-ब्रो की फर्जी लिंक के जरिए लोगों को निशाना बना रहे हैं।
साइबर एक्सपर्ट हेमराज सिंह चौहान ने बताया कि BotBro एक एआई बेस्ड प्लेटफॉर्म है। जो ट्रेडिंग के लिए कई तरह की सेवाएं देता है। उन्होंने बताया कि कोई भी ट्रेडिंग कंपनियां टेलीग्राम के जरिए व्यापार नहीं करती है। टेलीग्राम पर आने वाली 99 फीसदी लिंक फर्जी होती हैं। ध्यान रखें कोई भी कंपनी व्यक्तिगत मैसेज नहीं भेजती।