इंजीनियर ने बनाया मोबाइल टावर चोरी का गिरोह, उड़ाए 50 लाख के बेस-बैंड, पुलिस ने 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार

भोपाल। राजधानी में मिसरोद पुलिस ने मोबाइल टावरों से कीमती बेस-बैंड यूनिट चुराने वाले एक पढ़े-लिखे और शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह का सरगना पूर्व टेलीकॉम इंजीनियर प्रदीप यादव था, जिसने अपनी नौकरी छोड़कर अपराध की दुनिया में कदम रखा। पुलिस ने मुख्य सरगना सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से करीब 50 लाख रुपये मूल्य का कीमती सामान जब्त किया है।

पुलिस ने आरोपियों की पहचान प्रदीप यादव (सरगना), शीलू त्यागी, विनीत त्यागी, राजकुमार शर्मा और आकाश अहिरवार के रूप में की है। गिरोह भोपाल, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ के मोबाइल टावरों को निशाना बनाता था। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी पहले टावरों की रेकी करते और कम या बिना सुरक्षा वाले टावरों को रात के अंधेरे में निशाना बनाते।

चोरी का माल वे “नईम” नामक युवक को बेचते थे। बेस-बैंड यूनिट मोबाइल नेटवर्क का अहम हिस्सा होती है, जो सिग्नल प्रोसेस करती है। एक यूनिट की कीमत 5 से 10 लाख रुपये तक होती है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चोरी का सामान, वाहन और औजार बरामद किए हैं।

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