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CGPSC घोटाला: CBI की ताबड़तोड़ छापेमारी, दलालों के ठिकानों से मिले अहम दस्तावेज, कई अभ्यर्थी घेरे में

रायपुर/महासमुंद। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले की जांच में सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। गुरुवार को सीबीआई ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर और महासमुंद में कुल पांच ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस छापेमारी में दलालों और पेपर सॉल्वर के ठिकानों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिससे इस भर्ती गड़बड़ी में शामिल अन्य संदिग्धों और अभ्यर्थियों पर भी जांच की आंच आने की संभावना है।
सीबीआई ने इस कार्रवाई के बाद एक आधिकारिक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की है। बयान के अनुसार, रायपुर में तीन और महासमुंद में दो स्थानों पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई उन पांच संदिग्धों के खिलाफ केंद्रित थी, जिनमें दलाल, पेपर सॉल्वर और इस पूरे गोरखधंधे में शामिल अन्य लोग शामिल हैं। यह पूरा मामला वर्ष 2020 से 2022 के बीच CGPSC द्वारा आयोजित डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे प्रतिष्ठित पदों की भर्ती में हुई कथित गड़बड़ियों से जुड़ा हुआ है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने इस मामले में पहले से दर्ज स्थानीय पुलिस की एफआईआर को अपने हाथ में लिया था। इन मामलों में आरोप है कि वर्ष 2020 से 2022 के बीच आयोजित परीक्षाओं और साक्षात्कारों के दौरान वास्तविक योग्यता को दरकिनार करते हुए करीबी रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य उच्च पदों पर चयनित किया गया था।
इस मामले में सीबीआई पहले भी कई बड़ी गिरफ्तारियां कर चुकी है। 18 नवंबर 2024 को तत्कालीन CGPSC अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड रायपुर के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 10 जनवरी 2025 को तत्कालीन अध्यक्ष के भतीजे और डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित नितेश सोनवानी और तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक ललित गनवीर समेत पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 12 जनवरी 2025 को डिप्टी कलेक्टर बने शशांक गोयल, भूमिका कटियार और डिप्टी एसपी के रूप में चयनित साहिल सोनवानी भी सीबीआई के हत्थे चढ़े थे। सीबीआई ने इस मामले में 16 जनवरी 2025 को रायपुर की विशेष सीबीआई अदालत में सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। हालांकि, सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि अन्य उम्मीदवारों की भूमिका की जांच अभी भी जारी है, जिससे आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और भी चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।