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धान समितियों में अवैध खपत का खुलासा: खरीदी केंद्रों में चोरी-लापरवाही पर प्रशासन की बड़ी सख्ती
रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी सीजन शुरू होते ही उपार्जन केंद्रों की अव्यवस्थाएँ और अनियमितताएँ फिर सतह पर आने लगी हैं। प्रशासन की सख्ती और निगरानी के दावों के बावजूद कई समितियों में धान की चोरी, अवैध डंपिंग और कमजोर सुरक्षा व्यवस्था जैसे गंभीर मामले उजागर हो रहे हैं। राष्ट्रीय जगत विजन की टीम ने रायपुर के आसपास स्थित कई खरीदी केंद्रों का ज़मीनी निरीक्षण किया, जहाँ हालात उम्मीद से कहीं ज्यादा चिंताजनक मिले।
कई समितियों में किसानों ने रात के समय धान के बोरे चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई, वहीं कुछ जगहों पर समिति कर्मचारियों के साथ मारपीट जैसी घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि केंद्रों में सुरक्षा के लिए सिर्फ चार गार्ड तैनात किए गए हैं, मगर उनके पास न तो उचित संसाधन हैं और न ही सुरक्षा उपकरण। कई केंद्रों पर गार्ड सिर्फ एक लाठी के सहारे रात्रि ड्यूटी करते दिखे, जो उनकी सुरक्षा और धान संरक्षण दोनों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
पिछले वर्ष बहानाकाडी समिति में पूर्व सरपंच द्वारा अधिकारी से मारपीट की घटना के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे असामाजिक तत्वों के हौसले और बुलंद बताए जा रहे हैं। इधर प्रशासन ने इस बार खरीदी के दौरान ही स्टॉक सत्यापन और मिलान की प्रक्रिया शुरू की है, जिसे पहले सीजन खत्म होने के बाद किया जाता था। इसी कड़े कदम के चलते कई केंद्रों पर अवैध रूप से जमा की गई धान की बोरियाँ जब्त की गई हैं। ग्रामीणों और किसानों ने भी उपार्जन केंद्रों में सुरक्षा मजबूत करने की मांग उठाई है ताकि खरीदी प्रक्रिया पारदर्शी, सुरक्षित और विश्वास योग्य बनी रहे।
