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छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक सरेंडर: 34 इनामी नक्सलियों ने छोड़ा हथियार, सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता
बीजापुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। सरकार की महत्वाकांक्षी पूना मारगेम योजना और प्रभावी पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 34 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष हथियार डाल दिए। आत्मसमर्पण करने वाले इन माओवादियों पर कुल 84 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
सुरक्षा बलों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली फायरिंग, IED ब्लास्ट और आगजनी जैसी कई गंभीर घटनाओं में शामिल रहे हैं। इनका आत्मसमर्पण नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2024 से अब तक कुल 824 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। वहीं, इसी अवधि में 1079 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 220 माओवादी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए हैं।
यह आत्मसमर्पण सीआरपीएफ डीआईजी बीएस नेगी, बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूलेण्डन यार्क, डीएसपी शरद जायसवाल और उप पुलिस अधीक्षक विनीत साहू समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। बीजापुर एसपी डॉ. जितेन्द्र यादव ने बताया कि सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत प्रति व्यक्ति 50-50 हजार रुपये की नगद सहायता प्रदान की गई है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि लगातार हो रहे आत्मसमर्पण नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की रणनीति और विकास योजनाओं की सफलता को दर्शाते हैं।
