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मस्तूरी में कांग्रेस नेता टाकेश्वर पाटले की गुंडा गर्दी: मंदिर स्थल विवाद पर ग्रामीणों ने की SDM से शिकायत

बिलासपुर, 23 जुलाई 2024: कांग्रेस नेता टाकेश्वर पाटले एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। मस्तूरी क्षेत्र के कर्रा ग्राम पंचायत में शासकीय जमीन से निकल रही 6 लेन सड़क के निर्माण के दौरान एक प्राचीन मंदिर को शिफ्ट करने के मामले में पाटले ने विवाद खड़ा कर दिया है। 21 जुलाई को अधिकारियों […]
बिलासपुर, 23 जुलाई 2024: कांग्रेस नेता टाकेश्वर पाटले एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। मस्तूरी क्षेत्र के कर्रा ग्राम पंचायत में शासकीय जमीन से निकल रही 6 लेन सड़क के निर्माण के दौरान एक प्राचीन मंदिर को शिफ्ट करने के मामले में पाटले ने विवाद खड़ा कर दिया है।
21 जुलाई को अधिकारियों और ग्रामीणों की सहमति से प्राचीन मंदिर और चबूतरे को शिफ्ट कर दिया गया था। इस प्रक्रिया में गांव के लोग पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन में बड़ी संख्या में शामिल हुए थे। इसी दौरान, टाकेश्वर पाटले अपने 5-6 साथियों के साथ वहां पहुंचे और गाली-गलौच करते हुए प्राचीन देवता धनवार बैंको को ले जाने से मना करने लगे।
ग्रामवासियों ने पाटले के इस व्यवहार का विरोध किया, जिसके बाद पाटले ने बंशीधर वर्मा और रामचरण कौशिक को देख लेने और जान से मारने की धमकी दी। जब ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध किया, तो पाटले अश्लील गाली-गलौच करते हुए वहां से चले गए और धमकी दी कि वह एक-एक को उठवा लेंगे।
28 जुलाई की सुबह, गांव के लोग बैगा पूजा के लिए नए पूजा स्थल पर पहुंचे तो देखा कि देवता का 3 नग त्रिशुल और 1 नग चिमटा गायब था। जांच करने पर पता चला कि नए चबूतरे से त्रिशूल और चिमटा चोरी कर पुनः पुराने स्थल पर लगा दिए गए हैं। इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है।
ग्रामवासियों ने SDM से शिकायत की है कि यह हरकत टाकेश्वर पाटले और उनके साथियों की है। ग्रामीणों का आरोप है कि पाटले और उनके साथियों द्वारा गांव की शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया जा रहा है। आसपास के गांवों के ग्रामीण भी इनसे परेशान रहते हैं।
ग्राम पंचायत कर्रा के पंच और सरपंच प्रतिनिधि बंशीधर वर्मा और अन्य ग्रामीणों ने SDM से मांग की है कि टाकेश्वर पाटले और उनके साथियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि पाटले और उनके साथी गांव में आए दिन गुंडागर्दी करते हैं और ग्रामीणों को परेशान करते हैं।
इस विवादित मामले ने मस्तूरी क्षेत्र में शांति व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न कर दी है। स्थानीय प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले में सख्त कदम उठाएंगे और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे।