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पुलिस आरक्षकों के घरों में हो रहे हैं झगड़े, पत्नियां आरक्षक पतियों को छोड़ कर जा रही है मायके, जवानों से मजदूरों जैसा कार्य करवाना, परिवार को समय नही देना और बार बार आने जाने में पैसे खर्च होना है मुख्य कारण

पुलिस आरक्षकों के घरों में हो रहे हैं झगड़े, पत्नियां आरक्षक पतियों को छोड़ कर जा रही है मायके, जवानों से मजदूरों जैसा कार्य करवाना, परिवार को समय नही देना है और बार बार आने जाने में पैसे खर्च होना है मुख्य कारण जांजगीर :- जांजगीर जिले से आज एक अनोखा मामला सामने आया है […]

पुलिस आरक्षकों के घरों में हो रहे हैं झगड़े, पत्नियां आरक्षक पतियों को छोड़ कर जा रही है मायके, जवानों से मजदूरों जैसा कार्य करवाना, परिवार को समय नही देना है और बार बार आने जाने में पैसे खर्च होना है मुख्य कारण
जांजगीर :- जांजगीर जिले से आज एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें जांजगीर जिले में पुलिस विभाग के अधिकारी रक्षित निरीक्षक अपने अधीनस्थ जनता की सेवा व रक्षा के लिए भर्ती किये गए पूर्ण रूप से प्रशिक्षित आरक्षकों (सिपाहियों) से मजदूरों जैसा कार्य करवा रहे हैं और 24 घण्टे में लगभग 18 घण्टे काम लिया जा रहा है। दिन में 4 बार गड़ना-गिनती लेने के नाम पर बार बार बुलाया जा रहा है। और पुलिस जवान हैं कि अपनी पीड़ा किसी को बता नही पा रहे हैं। इसके लिए सिर्फ रक्षित निरीक्षक जिम्मेदार हैं या उनके ऊपर बैठे पुलिस अधीक्षक व अन्य आला अधिकारी भी जिम्मेदार हैं इसका पता तो बाद में ही चल पाएगा परन्तु जांजगीर जिले के पुलिस लाइन की यह घटना पुलिस जवानों के बारे में सोचने के लिए जरूर मजबूर कर रही है कि क्या सच मे पुलिस जवानों के साथ मजदूरों जैसा व्यवहार किया जाता है और क्या सच मे पुलिस जवानों का परिवार टूटने के कगार पर आ गया है। तस्वीरों से तो कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है कि पुलिस जवानों से मजदूरों का कार्य करवाया जाता है। विभागीय अज्ञानता व पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से पुलिस जवान अपने अधिकारों की बात भी नही कर पा रहे हैं और लगातार अपना शोषण करवा रहे हैं।

जिसके कारण आरक्षकों के घरों में विवाद उतपन्न हो गया है, आरक्षक पति अपने घर का कोई भी काम नही कर पा रहे हैं और पत्नी व बच्चों से भी दूरियां बढ़ते जा रही है इस कारण पति-पत्नी के मध्य झगड़े शुरू हो गए हैं, कुछ आरक्षकों की पत्नियां अपने पतियों को छोड़ कर मायके चली गई हैं।

आरक्षकों का कहना है कि सुबह 6 से रात 11 बजे तक डयूटी लिया जा रहा है, दिन में 4 बार गड़ना-गिनती के नाम से बुला कर परेशान किया जा रहा है तथा सफाई कर्मचारियों का काम भी उनसे ही करवाया जाता है, कई मौकों पर राजनीतिक दलों द्वारा फैलाई गई गन्दगी, और नाली भी उनसे ही साफ करवाई जाती है तथा इसके खिलाफ बोलने पर रक्षित निरीक्षक द्वारा नौकरी छोड़ दो बोला जा रहा है, इस तकलीफ से निजात पाने के लिए जांजगीर जिले के जवानों ने पुलिस अधीक्षक जांजगीर को पत्र भी लिखा है।

पुलिस विभाग के जवानों के शोषण होने की यह पहली घटना नही है इसके पूर्व भी कई बार इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं ।परंतु हर बार बड़े अधिकारियों के द्वारा अपने पदों का दुरुपयोग कर छोटे कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकी दे कर मामले को दबा दिया जाता है, तथा मामले को जनता के बीच नही आने दिया जाता है, और पुलिस विभाग के जवान जो अपनी भारतीय संविधान व पुलिस रेग्युलेशन की किताबें ठीक से पढ़े नही है वह डर कर चुपचाप अपना शोषण करवाते रहते हैं।
अब देखना यह है कि पुलिस अधीक्षक जांजगीर जवानों को पीड़ा से निजात दिलाते हैं और जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही करते हैं और पुलिस जवानों का घर टूटने से बचाते हैं या जवानों को डरा कर उनका शोषण और बढ़ा देते हैं।