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राष्ट्रीय जगत विजन विशेष : ईडी ने शराब घोटाले को लेकर आईएएस अनिल टुटेजा,अनवर ढेबर समेत 5 लोगों की कुल 119 संपत्ति को किया अटैच। जानिए सिलसिलेवार से जानकारी सबसे अधिक 69 संपत्ति अनवर ढेबर की फिर 14 संपत्ति अनिल टुटेजा की…………..

राष्ट्रीय जगत विजन विशेष : ईडी ने शराब घोटाले को लेकर आईएएस अनिल टुटेजा,अनवर ढेबर समेत 5 लोगों की कुल 119 संपत्ति को किया अटैच। जानिए सिलसिलेवार से जानकारी सबसे अधिक 69 संपत्ति अनवर ढेबर की फिर 14 संपत्ति अनिल टुटेजा की………….. विदेश भागने का था फिराक में ए पी त्रिपाठी , पढ़ें पूरी खबर […]

राष्ट्रीय जगत विजन विशेष : ईडी ने शराब घोटाले को लेकर आईएएस अनिल टुटेजा,अनवर ढेबर समेत 5 लोगों की कुल 119 संपत्ति को किया अटैच। जानिए सिलसिलेवार से जानकारी सबसे अधिक 69 संपत्ति अनवर ढेबर की फिर 14 संपत्ति अनिल टुटेजा की………….. विदेश भागने का था फिराक में ए पी त्रिपाठी , पढ़ें पूरी खबर
ईडी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए अनिल टुटेजा,अनवर ढेबर,अरविंद सिंह,विकास अग्रवाल,अरूण पति त्रिपाठी की 127.87 करोड़ की 119 संपत्ति अटैच कर दी है।
गौरतलब है कि लगातार ये प्रश्न उठ रहे थे कि अनिल टुटेजा की ईडी के राडार पर आए घोटाले के सूत्रधार के रूप में भूमिका है भी या नहीं।मगर आज ईडी के द्वारा साझा जानकारी होश उड़ा देने वाली है।अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा के बीच चैटिंग की डिटेल्स भी ईडी के पास है।वहीं अरूण पति त्रिपाठी के षड्यंत्र का खुलासा भी धीरे धीरे हो रहा है।अनवर ढेबर की लगभग 99 करोड़ की 69 संपत्ति जिसमें उसका होटल भी है ईडी ने अटैच कर दिया है।वहीं अनिल टुटेजा की 8 करोड़ 83 लाख की संपत्ति अटैच की है।

ED has attached 119 immovable properties worth approx. Rs. 121.87 Crore in respect of Anil Tuteja, Anwar Dhebar, Arunpati Tripathi, Arvind Singh and Vikas Agrawal in the ongoing investigation of liquor scam in the State of Chhattisgarh. The attached properties include 14 properties in respect of Anil Tuteja, IAS worth Rs. 8.83 Crore, 69 properties in respect of Anwar Dhebar worth of Rs. 98.78 Crore, 3 properties in respect of Vikash Agarwal @ Subbu worth Rs. 1.54 Crore, 32 properties in respect of Arvind Singh worth of Rs. 11.35 Crore and one property in respect of Arunpati Tripathi worth Rs. 1.35 Crore. The attached properties of Anwar Dhebar include Hotel Vennington Court, Raipur being run under the aegis of his firm, M/s A Dhebar Buildcon

विदेश भागने के फिराक में था ए पी त्रिपाठी
विदेश भाग जाने की फिराक में था पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की पैदाईश,कांग्रेसी राज का लाडला और हजारों करोड़ का घोटालेबाज ए पी त्रिपाठी
ई डी की गिरफ्त में आ चुके नौकरशाहों तथा वेटिंग नौकरशाहों का क्या है दुबई कनेक्शन ?
पिछले 9 वर्षों के वीजा तथा पासपोर्ट की जांच में हो सकते हैं चौकाने वाले खुलासे
रायपुर । ” ये इंतजार गलत है, के शाम हो जाए, जो हो सके तो अभी दौर – ए- जाम हो जाए । मुझ जैसे रिंद को भी तूने हश्र मे, या रब बुला लिया है तो, कुछ इंतजाम हो जाए । ” तीन – चार माह पूर्व जांजगीर चांपा व रायगढ़ की कलेक्टरी कर चुके तथा रायपुर मे बड़े पद पर बैठे एक नौकरशाह को नान घोटाले के प्रमुख आरोपी के साहबजादे के साथ उम्दा किस्म की शराब चखते एक बार में देखा गया था । सौम्या चौरसिया की जगह सी एम हाउस की कमान संभालने वाले नौकरशाह के साहबजादे की यह अदा किसी कैमरे में क़ैद हो गई । ऊंची पहुंच वाले एक नान पॉलिटिकल शख्स का एक जिम्मेदार नौकरशाह के साथ बैठकर दारू पीने से साफ पता चलता है कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे नौकरशाहों ने हवा के रुप को भांपते हुए अपने राजनैतिक आका ढूंढ लिए हैं । संभवतः यही वजह है कि करोड़ो के घोटालेबाज नौकरशाहों के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में राज्य सरकार ने अपनी आंखें मूंद रखी है ।

अनीति पूर्वक भ्रष्टाचार से कमाए करोड़ों अरबों के मनी पॉवर ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है । कोढ़ में खाज यह कि चोरों को पकड़ने का जिम्मा घोटाले में लिप्त महाचोरो को सौप दिया गया है । राष्ट्रीय जगत विजन के पिछले अंक में हमने आबकारी विभाग में अरबों के घोटाले के मास्टरमाइंड ए पी त्रिपाठी की बाबत खबरें प्रकाशित किया था कि किस प्रकार प्रावधानों के खिलाफ अपने चहेते सहायक आयुक्तों को प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी बना कर करोड़ों का खेल किया गया है। विश्वत सूत्रों के अनुसार एके त्रिपाठी ढेबर तथा टुटेजा ने जहां सैंकड़ों करोड़ रुपए दुबई नीदरलैंड तथा आबूधाबी में निवेश किए गए हैं। वही त्रिपाठी के खास सहायक आयुक्त तथा जिला आबकारी अधिकारियों की नामी बेनामी संपत्ति करोड़ों की बताई जाती है । मूलतः उत्तर प्रदेश निवासी एपी त्रिपाठी एंड गिरोह द्वारा प्रत्यक्ष तौर आबकारी विभाग में 2 हजार करोड़ के घोटाले की बात समाचार पत्रों तथा पब्लिक डोमेन की सुर्खियां बनी हुई है,परंतु अप्रत्यक्ष तौर पर यह घोटाला लगभग 15 हजार करोड़ का बताया जाता है ।

उड़ीसा महाराष्ट्र तथा हरियाणा से तस्करी कर सस्ती शराब की हज़ारों पेटियां सड़क मार्ग से पहुंचती है । जिस कंपनी को ठेका दिया गया, उसके लेवल चस्पा किए जाते हैं और दुकानों तक पहुंचा दिए जाते हैं । तस्करी से मंगाए गए अवैध शराब झारखंड सरकार से हुए करार के तहत झारखंड स्थित गोदामों तक पहुंचाए गए । पिछले दिसंबर – जनवरी माह में आबकारी विभाग द्वारा भेजे गए पंद्रह ट्रक में से 14 ट्रक बोतलें गुणवत्ता कारणों से झारखंड सरकार द्वारा वापस कर दिए गए थे । हालाकि बाद में इसकी भरपाई कर दी गई थी । इसी प्रकार बिक्री के लिए गोडाउन से रोजाना निकाले जाने वाली पेटियों में बड़ा खेल किया जाता रहा । मसलन, हजार पेटी निकासी दिखाकर तीन हजार पेटियां निकाली गई । इसका सीधा और साफ़ मतलब यह है कि जावक पंजी में दर्ज एक हजार पेटी शराब की कीमत सरकारी खजाने में जमा तो हुई, परंतु उसके साथ अवैध रूप से निकाली गई पेटियों का पूरा पैसा शराब माफियाओं के खजाने में चला गया । इस खेल को सुनियोजित तरीके से खेलने के लिए शासकीय शराब दुकानों में शराब माफियाओं के लिए अलग से बिक्री काउंटर खोले गए । यानि एक ही दुकान पर निजी तथा शासकीय काउंटर संचालित होते रहे । शराब दुकानों में बिक्री बढ़ाने के लिए दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में कच्ची शराब बनाकर आजीविका चलाने वाले गरीब परिवारों के खिलाफ फर्जी केस बनाए गए । और यही वजह है कि जांजगीर चांपा तथा कोरबा की जेलों में 3 हजार से भी अधिक शराब कोचिए फर्जी मामलों में बंद हैं । और जिनकी जमानत तक नही हो पा रही है ।

- क्या सिलतरा स्थित शराब गोदाम में बाहर से तस्करी कर मंगाए गए अवैध शराब की हो रही है डंपिंग ?
- सहायक आयुक्त व गोदाम प्रभारी पर शराब माफियाओं से सांठ गांठ के आरोप
आबकारी विभाग में हुए अरबों के भ्रष्टाचार के आरोप में ई डी की गिरफ्त में आए ए के त्रिपाठी से जुड़े हैं, सहायक आयुक्त के तार, करोड़ो में है सिलतरा शराब गोदाम की प्रभारी महिला सहायक आयुक्त की नामी बेनामी संपत्ति