अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर अब पंचायत शिक्षकों की विधवा करा रहीं मुंडन

अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर अब पंचायत शिक्षकों की विधवा करा रहीं मुंडन छत्तीसगढ़ : रायपुर में पंचायत शिक्षकों की विधवाएं अपने हक की मांग को लेकर सड़क पर 20 अक्टूबर 2022 से अनवरत अनशन कर रहीं हैं। आन्दोलन को 131 दिन होने के साथ ही आमरण अनशन का 127वां दिन भी बीत चुका […]

अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर अब पंचायत शिक्षकों की विधवा करा रहीं मुंडन

छत्तीसगढ़ : रायपुर में पंचायत शिक्षकों की विधवाएं अपने हक की मांग को लेकर सड़क पर 20 अक्टूबर 2022 से अनवरत अनशन कर रहीं हैं। आन्दोलन को 131 दिन होने के साथ ही आमरण अनशन का 127वां दिन भी बीत चुका है मगर सरकार है कि उसकी कुम्भकर्णी निंद्रा अभी तक टूटी नहीं है। भूपेश बघेल सरकार सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने इन विधवा महिलाओं को नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन सरकार बनने के बाद से अब तक किसी को भी अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली है।

अनुकम्पा नियुक्ति शिक्षाकर्मी कल्याण संघ के बैनर तले दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवाओं ने अपनी 1 सूत्रीय मांग अनुकंपा नियुक्ति को लेकर सड़क की लड़ाई लड़ने को मजबूर है। राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर दिवंगत पंचायत शिक्षकों के परिजन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। 24 अक्टूबर से आमरण अनशन की शुरुआत भी हो गई है। इस आमरण अनशन में बैठी विधवाओं की तबीयत भी कई बार खराब हो चुकी है। और कुछ को हॉस्पिटल में भी इलाज करवाना पड़ रहा है। कांग्रेस ने सरकार बनते ही इनको अनुकंपा नियुक्ति देने का वादा किया था, लेकिन सरकार बने लगभग 4 साल बीत चुके हैं, बावजूद इसके आज तक दिवंगत पंचायत शिक्षकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई।

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इस आंदोलन में तमाम तरह के विरोध प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर आकृष्ट करने के उद्देश्य से कभी विधानसभा का घेराव तो कभी मुख्यमंत्री निवास का घेराव, कभी कफन ओढ़कर प्रदर्शन तो कभी लोगों के जूते पालिश करके और तो और थक हारकर जल समाधि लेने को बूढ़ा तालाब में छलांग भी लगाकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया गया था। इन तमाम विरोधों के बावजूद सरकार के तरफ से आज दिनांक तक कोई ठोस निराकरण नजर नहीं आया हाँ एक कमेटी जरूर गठित की गई थी जिसे 3 महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करनी थी, लेकिन आज तक ‘नौ दिन चले आढ़ाई कोस’ वाली कहावत ही चरितार्थ देखने को मिला।

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उन्होंने कहा कि अरबों रूपए खर्च करके सरकार ने अपना 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन मनाने और नया रायपुर को पोस्टरपुर में तब्दील करने वाली इस निकम्मी सरकार ने अपने आका के लिए रोड पर करोड़ों के लागत लगाकर फूल बिछाए मगर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर इन पीड़ित प्रताड़ित परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति देना तो दूर इनकी सुधि लेना भी जायज नहीं समझा जा रहा है।

संघ की ओर से प्रांताध्यक्ष माधुरी मृगे ने कल एक विज्ञप्ति जारी किया है जिसमे उल्लेखित है कि 27 फरवरी 2023 को एक (विधवा) महिला सदस्य द्वारा मुंडन कराने जा रही है। यदि आगामी बजट सत्र में अनुकम्पा नियुक्ति का निराकरण नहीं किया गया तो आंदोलनरत अन्य दिवंगत शिक्षकों की विधवाएं भी मुंडन कराएगी

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