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31 करोड़ खर्च के बाद भी खतरा! शहर के खंभों पर तारों का जाल, जनता की जान जोखिम में
रायपुर. शहर में बिजली से होने वाले हादसों को रोकने के लिए बिजली विभाग करीब 31 करोड़ रुपए खर्च करके सड़कों पर फैली केबल को जमीन के अंदर (अंडरग्राउंड) कर रहा है. इसके बावजूद शहर के बिजली के खंभों पर तारों का एक घना मकड़जाल फैला हुआ है, जिससे सड़कों पर चलने वाले लोगों पर हर पल खतरा मंडरा रहा है. यह चौंकाने वाली स्थिति मुख्य सड़कों, बाजारों और दुकानों के आस-पास सबसे ज्यादा दिख रही है.
एक खंभा, दर्जनों कनेक्शन: अव्यवस्था की हद
कई जगहों पर हालात इतने खराब हैं कि एक ही बिजली के खंभे पर दर्जनों बिजली के कनेक्शन जोड़ दिए गए हैं. इन तारों के ऊपर से ही बिजली की मुख्य (हाईटेंशन) लाइन भी गुजरती है. इस वजह से खंभों के चारों ओर तारों का एक सघन जाल बन गया है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि मौसम बदलने पर या तेज हवा चलने के दौरान यह खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
इन इलाकों में सबसे बुरा हाल
यह समस्या नहर पारा मुख्य मार्ग, संजय गांधी नगर, पंडरी मार्ग और भाठागांव मार्ग समेत शहर के कई बड़े इलाकों में है. शहर के मुख्य बाजारों, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और व्यावसायिक क्षेत्रों में तो बिजली के कनेक्शन इस कदर अव्यवस्थित हैं कि खंभों के पास तारों का बड़ा-बड़ा गुच्छा लटकता रहता है. दुकानदारों ने बताया कि इस बारे में कई बार शिकायत भी की गई है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है.
राहगीरों के लिए मौत का जाल
शहर में कई बिजली के खंभे तो ऐसे हैं जो सीधे सड़कों के बीचों-बीच लगे हुए हैं. इन खंभों से जुड़े सर्विस वायर (कनेक्शन तार) राहगीरों के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं. दोपहिया वाहन चलाने वाले लोगों से लेकर पैदल चलने वाले तक, सभी को इन लटकते और फैले हुए तारों से बचकर निकलना पड़ता है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई बार बच्चे और बुजुर्ग इन तारों में उलझते-उलझते बचे हैं, लेकिन विभाग इस बड़ी लापरवाही पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
