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करोड़ों फूंक दिए, फिर भी बीमार पड़े ओपन जिम: उपकरण टूटे, कहीं मवेशी बांध रहे
रायपुर। राजधानी रायपुर में लोगों की सेहत सुधारने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर लगाए गए 38 ओपन जिम आज खुद बीमार पड़े हैं। शहर के 32 उद्यानों और 6 तालाबों के किनारे बने इन जिमों पर करीब 10 करोड़ रुपये लगाए गए थे, लेकिन नगर निगम की लापरवाही और मेंटेनेंस की उपेक्षा ने इन्हें जर्जर कर दिया है। ज्यादातर मशीनों के हैंडल गायब हैं, पैडल टूटे हैं या फिर नट-बोल्ट ढीले होकर मशीनें इस्तेमाल लायक नहीं बची हैं। विडंबना यह है कि पिछले तीन सालों में निगम इन जिमों के मेंटेनेंस पर सवा करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुका है, फिर भी हालत बद से बदतर है।
मेंटेनेंस पर खर्च, फिर भी बर्बादी क्यों?
लगभग एक दशक पहले कम खर्च में नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के उद्देश्य से ओपन जिम की शुरुआत की गई थी। शुरुआती रिस्पॉन्स अच्छा था, पर निगम का ध्यान हटते ही योजना पिट गई। सवा करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद जिमों की हालत नहीं सुधरी। पुरानी बस्ती इलाके में तो जिम के खाली हिस्से में लोग मवेशी बांध रहे हैं। डीकेएस अस्पताल के पीछे वाले जिम में कचरे का ढेर लगा हुआ है, न सफाई हो रही है, न मेंटेनेंस। स्थानीय लोगों का कहना है कि टूटे उपकरणों और गंदगी के कारण अब इन जगहों पर कोई व्यायाम करने नहीं आता, जगहें सुनसान पड़ी रहती हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, साल 2023-24 में मेंटेनेंस का ठेका पांच साल के लिए ओरिएंट कंपनी को दिया गया था, लेकिन कंपनी को करीब दो साल से पेमेंट नहीं मिला है, इसलिए वह काम नहीं कर रही है। निगम ने न तो कंपनी पर कोई सख्त कार्रवाई की है और न ही फाइन वसूला है, जिससे करोड़ों का नुकसान हो रहा है। यह लापरवाही बताती है कि निगम गरीबों की सेहत और टैक्सपेयर्स के पैसों को लेकर कितना उदासीन
है।
