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बुरा जो करने रोशन मैं चला

बुरा जो करने रोशन मैं चला भारतीय खाद्य निगम, भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय की कमाऊ पूत है। अरबो रुपये पूरे देश से गेहूं चाँवल से वसूले जाते है। छत्तीसगढ़ भी इस कमाऊ पूत का एक बड़ा हिस्सेदार है ठीक वैसे ही जैसे नान( नागरिक आपूर्ति निगम) राज्य का कमाऊ पूत है।दोनो ही एजेंसी बोरे […]

बुरा जो करने रोशन मैं चला
भारतीय खाद्य निगम, भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय की कमाऊ पूत है। अरबो रुपये पूरे देश से गेहूं चाँवल से वसूले जाते है। छत्तीसगढ़ भी इस कमाऊ पूत का एक बड़ा हिस्सेदार है ठीक वैसे ही जैसे नान( नागरिक आपूर्ति निगम) राज्य का कमाऊ पूत है।दोनो ही एजेंसी बोरे औऱ ट्रक पीछे पैसे वसूलते है।
छत्तीसगढ़ राइस मिल संघ के ईमानदार पदाधिकारी है रोशन चंद्राकर, जो स्वयं भी राइस मिलर है, भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों के नामजद शिकायत पीयूष गोयल को कर दिया। पिछले साल 6000 रुपये लेते थे इस साल 7500 ले रहे है ट्रक पीछे। पहुँच गए अधिकारी और जांच कर आनन फानन रिपोर्ट भी दे दिए। थोक में अधिकारी हटा दिए गए।सत्य की जीत हुई।

इस कार्यवाही के बाद भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों ने कसम खा लिया। नहीं लेंगे 7500 रुपये।ईमानदारी से लेंगे चाँवल। जिस बात का 7500 रुपये लेते थे वो थोड़ा सा घटिया चाँवल लेने का होता था। अब बिल्कुल भी घटिया नहीं चलेगा। कड़ाई से जांच शुरू कर दिए। राइस मिलर्स परेशान होने लगे है।कितना भी बढ़िया चाँवल ले जा रहे है भारतीय खाद्य निगम वाले वापस लौटा दे रहे है।राइस मिलर्स पुरानी व्यवस्था से खुश थे, दो पैसा देने के बाद भी दो पैसा बच रहा था। अपने ही संघ के पदाधिकारी की शिकायत का उल्टा असर हो गया है। छत्तीसगढ़ का राइस मिलर्स संघ, सरकार के साथ रहता है। रोशन चंद्राकर, कांग्रेसी है। भारतीय खाद्य निगम, पीयूष गोयल के पास है। वे भाजपा के है। छत्तीसगढ़ में कह दिए बेईमानी बर्दास्त नही की जाएगी। ईमानदारी से काम करो। एक शिकायती पत्र का बड़ा असर हो गया है। इसके जवाब में राइस मिल के भाजपाइयों ने भी मोर्चा खोल दिया। रोशन चंद्राकर की शिकायत कर दिये। जिस जिले के मिलर है उस जिले के भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों की नामजद शिकायत भेज कर कापी सीबीआई, ईडी को भेज दिए है। आपस मे लठ्मलट्ठी हो रहे है। पीयूष गोयल को शिकायती पत्र तो भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने भी किया है। उनकी सुनवाई क्यो नही हो रही है? जबकि एक कांग्रेसी दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों को हटवाने का ताकत दिखा दिया है। कही भाजपा में भी गुटबाज़ी तो नही है या डॉ की सुनवाई नही करने का दबाव है