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छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाले मामले के आरोपी अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल की बैंच से एक बार फिर से मिली राहत

छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाले मामले के आरोपी अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल की बैंच से एक बार फिर से मिली राहत नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल ने एक अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने पूर्व […]

छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाले मामले के आरोपी अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल की बैंच से एक बार फिर से मिली राहत
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल ने एक अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, और अनवर ढेबर पर किसी तरह की कठिनतम कार्यवाही करने (नो कोर्सिव एक्शन) पर अगली सुनवाई तक रोक लगाई है। इस प्रकरण में कुल पांच अफसर-कारोबारी को यूपी पुलिस ने आरोपी बनाया है। केस पर अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। पर मामले में जांच, पुछताछ जारी रहेगी सिर्फ दोनों की गिरफ्तारी नहीं होगी। ईडी की रिपोर्ट पर ग्रेटर नोएडा के कसाना थाने में सभी के खिलाफ धारा 420, 468, 471 (दोनों जालसाजी से संबंधित), 473 (जालसाजी के लिए नकली मुहर बनाना या रखना), 484 (लोक सेवक द्वारा इस्तेमाल किया गया नकली चिह्न) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके खिलाफ पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, और अनवर ढेबर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सोमवार को याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं ने दुर्भावनापूर्वक केस बनाने का आरोप लगाया है। इस पर ईडी ने भी अपना पक्ष रखा। कोर्ट ने दोनों याचिकाकर्ताओं को फिलहाल राहत देते हुए यूपी पुलिस को कठिनतम कार्यवाही नहीं करने के आदेश दिए हैं। पर इस मामले में जांच में कोई रोक नहीं रहेगी । ईडी ने मूल, और नकली होलोग्राम के सहारे शराब बिक्री करने के खिलाफ प्रदेश में शराब घोटाले का अपराध दर्ज किया। इस पूरे मामले में आबकारी सचिव निरंजन दास, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एपी त्रिपाठी, अनवर ढेबर, और होलोग्राम की निर्माता कंपनी के संचालक विधुर गुप्ता के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई है। इन सब पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश की धाराओं में प्राथमिकी अपराध दर्ज किया है।