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अपनी धूमिल होती छवि को सुधारने पुलिस को सोशल मीडिया का लेना पड रहा है सहारा, पुलिस अधीक्षक का फरमान

अपनी धूमिल होती छवि को सुधारने पुलिस को सोशल मीडिया का लेना पड रहा है सहारा, पुलिस अधीक्षक का फरमान बिलासपुर : जुआ, सट्टा ,मारपीट, हत्या, दुष्कर्म व डकैती जैसी आपराधिक घटनाओं में हो रही अत्यधिक बढ़ोतरी व पुलिस को मिल रही बदमाशों से चुनौती जैसी बातें आज कल अक्सर सामने आती रहती हैं। कानून […]

अपनी धूमिल होती छवि को सुधारने पुलिस को सोशल मीडिया का लेना पड रहा है सहारा, पुलिस अधीक्षक का फरमान
बिलासपुर : जुआ, सट्टा ,मारपीट, हत्या, दुष्कर्म व डकैती जैसी आपराधिक घटनाओं में हो रही अत्यधिक बढ़ोतरी व पुलिस को मिल रही बदमाशों से चुनौती जैसी बातें आज कल अक्सर सामने आती रहती हैं। कानून व्यवस्था पर सवाल उठना आज कल आम बात हो गया है , लेकिन अब पुलिस अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए वह अपनी उपलब्धियों को सामने लाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रही है । सोशल मीडिया की ताकत को समझते हुए बिलासपुर पुलिस सोशल मीडिया पर उपलब्धियों को शेयर कर रही।
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने जिले के एडिशनल एसपी , सीएसपी सहित सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि संबंधित थाना क्षेत्रों में पुलिस की जो भी उपलब्धि हो, उसे तुरंत बिलासपुर पुलिस के सोशल मीडिया के ऑफिशियल पेज से शेयर किया जाए। इससे पुलिस की छवि सुधरेगी और जनता के बीच पुलिस के प्रति एक अच्छा संदेश पहुंचेगा, फिलहाल देखना यह होगा कि अब कप्तान के इस फरमान को कौन कौन थाना प्रभारी अमल करते है
कप्तान पारुल माथुर ने क्राइम ब्रांच, सभी थाना प्रभारी,ट्रैफिक प्रभारी, डायल 112 को निर्देशित किया है की रोजाना कम से कम 5 वीडियो बिलासपुर पुलिस के सोशल मीडिया पेज पर अपलोड किया जाना है इसका असर भी दिखा आज बिलासपुर पुलिस के पेज पर पुलिस की कर्यवाही का फोटो वीडियो अपलोड किया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक भी सक्रिय हैं सोशल मीडिया पर : जनता से संवाद करने, उनका सहयोग लेने, बीच की दूरी की कम करने और लोगों को जागरूक करने के लिए आईजी रतन लाल डांगी भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। फेसबुक पोस्ट के जरिये वे जनता से संवाद कर चुके हैं। बदमाशों और घटनाओं की सूचना शेयर करने की अपील कर चुके हैं। सोशल मीडिया से लोगों के बढ़ते जुड़ाव को देखते हुए पुलिस उसका इस्तेमाल कर रही है जबकि देखा जाए तो की ऐसे मामले है जो आई जी के संज्ञान में आने के बाद भी उस पर कार्यवाही नहीं हुई है और ना ही हो रही है।
ताज़ा उदाहरण है सिविल लाइंस थाने का मंगला चौक पर हुई मारपीट का जिसमें आरोपी से देशी कट्टा, मिर्ची पाउडर, और अन्य सामान बरामद होने के बावजूद उनके ऊपर मामूली मारपीट का धारा लगाकर मुचलके पर छोड़ दिया थानेदार ने पिडित पक्ष के द्वारा लिखित में शिकायत मुख्यमंत्री, गृहमंत्री,डी जी पी और आई जी से किया गया पर आज तक उक्त थानेदार पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। और चले है सोशल मीडिया पर छवि सुधारने क्या इसी से छवि सुधरेगी।