राष्ट्रीय जगत विजन छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ में आज क़त्ल का दिन, कई इधर से उधर, जेल या बेल, होगा भाग्य का फैसला ?… अदालत बोल रही है

राष्ट्रीय जगत विजन छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ में आज क़त्ल का दिन, कई इधर से उधर, जेल या बेल, होगा भाग्य का फैसला ?… अदालत बोल रही है रायपुर : कत्ल की रात तो आपने जरूर सुनी होगी लेकिन आज गरीबी और भ्रष्टाचार से जूझ रहे छत्तीसगढ़ जैसे बीमारू राज्य के इलाज की पर्ची आने वाली […]

राष्ट्रीय जगत विजन छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ में आज क़त्ल का दिन, कई इधर से उधर, जेल या बेल, होगा भाग्य का फैसला ?… अदालत बोल रही है


रायपुर : कत्ल की रात तो आपने जरूर सुनी होगी लेकिन आज गरीबी और भ्रष्टाचार से जूझ रहे छत्तीसगढ़ जैसे बीमारू राज्य के इलाज की पर्ची आने वाली है। दरअसल चार बरस पहले तक यह राज्य समृद्धि की नई इबारत लिख रहा था। लेकिन जनता के फैसले के आगे ये इबारत और उसमे दर्ज ईमारत विवादों में आ गई। मतलब पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार की रवानगी के साथ ही उसके दौर से जारी विकास कार्य भी ठप्प पड़ गए।

राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस सरकार का गठन हुआ। जनता को विकास की गति में तेजी आने की उम्मीद बंधी, कांग्रेस का संकल्प पत्र कारगर साबित हुआ था। लोगो को लगने लगा कि मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदल देगी। पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी और रमन सिंह के मुकाबले भूपेश बघेल इस राज्य को नई ऊंचाइयों तक लेकर जायेंगे। बीजेपी सरकार की तुलना में कांग्रेस के वादे-नारे जनता को खूब पसंद आये थे। लेकिन अब छत्तीसगढ़ की बड़ी आबादी पछता रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही भ्रष्टाचार के घेरे में नजर आ रहे है।

Read More बिना सर्जरी Adnan Sami ने कैसे घटाया 120 किलो वजन? खानपान से पूरी तरह बाहर कर दीं 5 चीजें

जानकारी के मुताबिक दिल्ली की 30 हजारी कोर्ट में टुटेजा एंड कंपनी के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दायर एक आपराधिक याचिका पर फैसला आने के आसार है। सूत्र बताते है कि इस मामले में पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ, भ्रष्टाचार की महारानी सौम्या चौरसिया और अनिल समेत टुटेजा एंड कंपनी के लगभग डेढ़ दर्जन भागीदारों के भाग्य का फैसला होगा। बताते है कि आयकर चोरी के इस मामले के तमाम आरोपी ED के अन्य मामलो में भी कोई प्रमुख तो कोई सह आरोपी की हैसियत से देश की कई अदालतों की परिक्रमा कर रहे है।

Read More Jet Fuel Prices Hike: हवाई सफर हो सकता है महंगा, लगातार तीसरे महीने बढ़े जेट फ्यूल के दाम

छत्तीसगढ़ के चर्चित कोल खनन परिवहन घोटाले के लिए भी अदालत का फैसला मील का पत्थर साबित होगा। बिलासपुर हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री बघेल की खासमख़ास उपसचिव सौम्या चौरसिया का ठिकाना बदलेगा या नहीं, इस बारे में भी अदालत अपना फैसला सुना सकती है। बताते है कि सौम्या की जमानत याचिका पर अदालत में बहस का दौर जारी रहेगा। ED बनाम पूरा बचाव पक्ष बघेलखण्ड समेत, सौम्या की रिहाई को लेकर हाथ-पैर मार रहा है। यह देखना गौरतलब होगा की ताजा बहस में ED मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सरकारी साथियों को लेकर क्या दलीलें पेश करती है।

इधर कोल खनन परिवहन घोटाले के अलावा मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में बहुआयामी घोटालो और भ्रष्टाचार के मामलो में टुटेजा एंड कंपनी सवालों के घेरे में है। रायपुर में प्रवर्तन निर्देशालय के कार्यालय में कई IAS, IPS अधिकारियो समेत उद्योगपतियों का जमावड़ा लगा है। यहां भी बघेलखण्ड का बोलबाला दिखाई दे रहा है। ‘सरकार’ को आर्थिक सहायता करने वाले कई लोग कभी काले शीशे वाली गाड़ियों में सवार होकर ED की चौखट पर खड़े नजर आ रहे है, तो कोई चेहरा छिपाकर, मास्क लगाकर नजरे छिपाता भागता फिर रहा है।

बताते है कि ED दफ्तर में नजर आ रहे संदेही, शराब कारोबारी, उद्योगपतियों के अलावा कोई भी अधिकारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणदास महंत, टीएस सिंहदेव, मोहन मरकाम, ताम्रध्वज साहू, सत्यनारायण शर्मा और मंत्रिमंडल में शामिल किसी प्रभावशील मंत्री का भी समर्थक नहीं है। बताते है कि मात्र चार सालो में मुख्यमंत्री बघेल ने लाखो करोड़ रुपये का कर्ज ले तो लिया लेकिन यह रकम धरातल पर नजर नहीं आ रही है। आखिर रकम है कहां ? एजेंसियां पूछ रही है ?

बताते है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 15 सालो में जितना कर्ज लिया था, उसकी तुलना में मुख्यमंत्री बघेल ने मात्र 4 साल में 3 गुने से ज्यादा कर्ज लिया है। नतीजतन आज छत्तीसगढ़ के प्रत्येक नागरिक पर लगभग 40 हजार रुपये के कर्ज का भार है। अरबो रुपये आखिर जा कहाँ रहे है, खोज का विषय है। सरकारी तिजोरी पर सेंधमारी को लेकर राजनीति जोरो पर है। मुख्यमंत्री बघेल बीजेपी और केंद्र पर ज्यादती करने का आरोप लगा रहे है। जबकि ED के छापो में बरामद हो रही ब्लैक मनी को लेकर चुप्पी साधे हुए है।

विधान सभा में भी विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए ‘सरकार’ ने अपने ‘हाथ’ पीछे खींच लिए है। विधान सभा अध्यक्ष चरणदास महंत और सीएम बघेल के बीच भ्रष्टाचार के सवालों को लेकर तनातनी की खबरे आम है। बताते है कि जनता की अदालत में ‘सरकार’ बेनकाब हो रहे है, इससे विवाद की नौबत है। विधान सभा अध्यक्ष मुख्यमंत्री बघेल के क्रियाकलापों और कार्यप्रणाली से त्रस्त बताये जाते है।

बताते है कि बतौर अध्यक्ष महंत सदन में जनता का पक्ष ले या सरकार का ? भ्रष्टाचार की जाँच करवाए या फिर सवालों को ही रफा-दफा कर दे ? इन दिनों विधान सभा में बघेल के कार्यो की खुलती पोल से जनता के अरमानो पर पानी फिर रहा है। बताते है कि इस विवाद का पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के खुलासा करते ही विधान सभा में सक्रियता देखी गई, बताते है कि दो दिनों तक अनुपस्थित रहने के बाद महंत ने सदन में अपने कदम वापिस रखे थे।

ED दफ्तर में आज टुटेजा एंड कंपनी पर लोगो की निगाहे है। अनिल टुटेजा आज यहां पूछताछ के लिए हाजिर होंगे या नहीं ? देखना गौरतलब होगा। फ़िलहाल तो ED दफ्तर में छत्तीसगढ़ के कर्णधारो का लगा मेला चर्चा में है। अदालत के फैसलों का होता इंतजार प्रदेश की दशा और दिशा की नई राह तय करेगा। उम्मीद तो अब अदालत से ही बंधी है, छत्तीसगढ़ में पत्रकारों के दमन और भ्रष्टाचार की बानगी के बीच राहत वाली बात यह है कि अदालत बोल रही है।

लेखक के विषय में

More News

रायगढ़: गांव के मंदिर में घुसा हाथी, CCTV में कैद हुआ दंतैल का धमाका, सायरन बजाकर भगाया गया जंगल

राज्य