कोरबा न्यायालय का बड़ा फैसला: नक्शा और राजस्व रिकॉर्ड में कूटरचना के आरोपी पटवारी चक्रधर सिंह सिदार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज...

 

कोरबा/  कोरबा के प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कु. संघपुष्पा भतपहरी की अदालत ने पटवारी चक्रधर सिंह सिदार की ओर से दाखिल द्वितीय अग्रिम जमानत आवेदन पत्र (क्रमांक-103/2021) को खारिज कर दिया है। चक्रधर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड़ कर एक महिला की पैतृक संपत्ति से धोखाधड़ी की।

क्या है मामला?

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प्रकरण के अनुसार, पुलिस थाना कोतवाली, कोरबा में अपराध क्रमांक 1085/20 के अंतर्गत IPC की धाराएं 420, 465, 467, 468 व 471 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। पीड़िता अरुणिमा सिंह ने आरोप लगाया था कि उसकी पैतृक भूमि खसरा नंबर 663/03 रकबा 0.038 हेक्टेयर को शासकीय दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर खसरा नंबर 363/03 के रूप में दर्ज कर भूमि के स्वामित्व और स्थिति में हेरफेर की गई।

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आरोप यह भी है कि भूमि के नक्शे को जानबूझकर उर्ध्वाधर से क्षैतिज रूप में बदला गया और भूमि को रू पिता रा नामक व्यक्ति के नाम दर्ज कर दिया गया। इस संपूर्ण प्रक्रिया में तत्कालीन हल्का पटवारी चक्रधर सिंह सिदार की भूमिका संदिग्ध मानी गई।

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने मामले की केस डायरी का अवलोकन करने के बाद पाया कि प्रथम जमानत आवेदन के समय आरोपी के विरुद्ध स्पष्ट रूप से नाम दर्ज नहीं था, किंतु अब उन्हें प्रकरण में अभियुक्त के रूप में संयोजित किया गया है।

राजस्व दस्तावेजों में छेड़छाड़ और नक्शा परिवर्तन जैसी गंभीर कूट रचनात्मक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने कहा कि ऐसे अपराध में अग्रिम जमानत देना न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता।

इस आधार पर न्यायालय ने द्वितीय अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

न्यायिक चेतावनी

यह फैसला राजस्व विभाग और प्रशासनिक तंत्र में पारदर्शिता की आवश्यकता को दोहराता है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ जैसे अपराधों को हल्के में नहीं लिया जा सकता और ऐसे मामलों में जमानत पर भी सख्ती से विचार किया जाएगा।

क्या होगा आगे?

अब इस मामले में पुलिस विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल किए जाने की संभावना है। साथ ही यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आरोपी उच्च न्यायालय में राहत पाने की कोशिश करेंगे।

इस आदेश के बाद कोरबा में प्रशासनिक ईमानदारी और न्यायिक सक्रियता की चर्चा तेज हो गई है।

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