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2200 करोड़ का शराब घोटाला : अब CBI करेगी जांच? भाजपा के विधि प्रकोष्ठ, और कार्यालय प्रभारी ने खोला मोर्चा, भेजा 200 पन्नों का 'बम'

रायपुर। छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित 2200 करोड़ रुपये का शराब घोटाला अब एक नए मोड़ पर आ गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से कराने की मांग कर दी है। भाजपा के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख और प्रदेश कार्यालय प्रभारी अधिवक्ता नरेश चंद्र गुप्ता ने इस संबंध में एक सनसनीखेज कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और केंद्रीय गृह मंत्रालय को 200 पन्नों का एक गोपनीय दस्तावेजी पुलिंदा भेजा है।
अंग्रेजी अखबार 'द हितवाद' के खोजी पत्रकार मुकेश एस सिंह की एक एक्सक्लूसिव खबर के अनुसार, 10 अप्रैल को भेजे गए इस पत्र में शराब घोटाले की परतें और सूचना के अधिकार (RTI) में की गई हेराफेरी का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है। इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर जिलों तक के कई बड़े अफसरों के नाम शामिल बताए जा रहे हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।
भाजपा नेता नरेश चंद्र गुप्ता ने राज्य की जांच एजेंसी आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की जांच पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि ये एजेंसियां रसूखदार लोगों को बचाने की कोशिश कर रही हैं। पत्र में बारकोड ठेका और डिस्पैच सिस्टम में हुई गड़बड़ियों का भी विस्तार से उल्लेख किया गया है।
इस घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ की सियासत को गरमा दिया है। विपक्षी दल लगातार इस घोटाले की CBI जांच की मांग कर रहे थे और अब भाजपा के इस कदम ने उनके आंदोलन को और धार दे दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी तूल पकड़ सकता है। देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस गंभीर आरोप पर क्या रुख अपनाती है और क्या वाकई इस बड़े घोटाले की जांच CBI के हाथों में सौंपी जाती है।