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कोयला चोरों से ईमानदार कोल व्यवसायी त्रस्त ?कोयला कटिंग और मिक्सिंग के अवैध कारोबार में इतना पैसा है कि रोडपति से करोड़पति बनने में समय नही लगता है और ये कमाल हो भी चुका है,असल कोयला चोर जेल जाने से बचने के लिए….

कोयला चोरों से ईमानदार कोल व्यवसायी त्रस्त ?कोयला कटिंग और मिक्सिंग के अवैध कारोबार में इतना पैसा है कि रोडपति से करोड़पति बनने में समय नही लगता है और ये कमाल हो भी चुका है,असल कोयला चोर जेल जाने से बचने के लिए…. बिलासपुर:- बिलासपुर में ईमानदार कोल व्यवसायियों से अधिक चोरों का समूह है […]

कोयला चोरों से ईमानदार कोल व्यवसायी त्रस्त ?कोयला कटिंग और मिक्सिंग के अवैध कारोबार में इतना पैसा है कि रोडपति से करोड़पति बनने में समय नही लगता है और ये कमाल हो भी चुका है,असल कोयला चोर जेल जाने से बचने के लिए….
बिलासपुर:- बिलासपुर में ईमानदार कोल व्यवसायियों से अधिक चोरों का समूह है ! इनके गैंग में बाहरी लोगों की भी भरमार है जो पकड़े जाने पर अपने असली चोर मालिक को बचाने में बड़ी भूमिका अदा करते है, ओर पुलिस का भरपूर संरक्षण होने की वजह से पुलिस चोरों के असल सरगना को ठीक उसी प्रकार, कभी नही पकड़ती जैसे सट्टा खिलाने वालो को तो कभी कभार भारी मीडिया के दबाव में खानापूर्ति हेतु पकड़ भी लेती है । लेकिन असल खाईवाल को कभी नही पकडती ! इन कोयला चोरों ने ईमानदार कोयल व्यवसायी और उद्योग पतियों का जीना मुश्किल कर रखा है, खदानों से निकले असली और ग्रेड अनुसार सही क्वालिटी के कोयले में रास्ते मे ही डोलमाईट काला पत्थर, पर कोयले जैसा कलर युक्त नकली कोयला, डस्ट, एवम बेहद निम्न स्तर के कोयले की मिलावट इन चोरों का मुख्य पेशा है ! इस जानलेवा मिलावटी,नकली कोयले कि वजह से आये दिन उद्योगपतियों के उद्योग में बायलर फटने की घटनाये होते रहती है,जिसे पुलिस तकनीकी दुर्घटना मानकर पल्ला छाड़ लेती है। वंही दूसरी ओर उद्योगों के DO पर लाइजेनिंग करने वालो को उद्योगपतियो की शिकायत आये दिन सुननी पड़ती है ! कभी कभी तो दोनों के बीच अत्यधिक विवाद और अविवस्वास की स्थितियां पैदा होती है, जिसका खामियाजा छत्तीसगढ़ के लाइजनरो को उठाना पड़ता है, स्वेच्छा से कोई भी लाइजनर कभी भी बेईमानी नही करता फिर भी बीच रास्ते मे ही इन चोरों को असली कोयले को नकली,मिलावटी कोयला बनाने में देर नही लगती है !
सकरी पुलिस की कार्रवाई से कोल माफियाओं में हड़कंप,डीपो का लाइसेंस लेकर कोयला कटिंग करने वाले माफ़िया कब जाऐंगे जेल
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में उधोगपतियों को चुना लगाने का खेल कब बंद होगा यह तो खनिज विभाग ही तय करेगा किंतु पुलिस विभाग कोयला चोर माफियाओं पर क्यों महेरबान है यह समझ से परे है! डीपो का लाइसेंस लेकर अपने डीओ का माल संग्रहण नही करके दूसरे के डीओ का कोयला कटिंग करना चोरी नही तो और क्या है? कोल माफियाओं का खेल यंही नही थमता है कोल माफ़िया इस कटिंग किये कोयला में डस्ट और गिट्टी नुमा पत्थर मिलाकर वजन बढ़ाकर इस मिलावटी कोयला को पावर प्लांट में सप्लाई कर देते है इससे उधोगपतियों को भारी क्षति उठानी पड़ती है। एक तो कोयला का दाम दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है ऊपर से मिक्सिंग कोयला सप्लाई करके छत्तीसगढ़ में उधोगपतियों को लूटा जा रहा है।
यह भी बताते चले कि कोयला कटिंग के कारोबार में कई नामी लोग शामिल है तो कई पुराने कोल माफ़िया आज भी काले हीरे के बड़े खेल में शामिल है,इनकी पकड़ पहुच को देखकर जल्दी से कोई कोल माफियाओं पर हाथ डालना नही चाहता है, शायद इसी कारण से कोल डीपो का परीक्षण या निरीक्षण करने से खनिज विभाग के अधिकारी ख़ौफ़ खाते है जिसका सीधा फायदा कोयला चोरी करने और कराने वाले कोल माफियाओं को मिल रहा है।
बहरहाल आपको बता दे सकरी पुलिस ने प्रवीण झा के फील बेनिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत मैनेजर संतोष सिंह की शिकायत पर बेलमुंडी स्थित कमल भीमनानी के कोल डीपो पर छापा मारा है इस डीपो को कोयला संग्रहण करने की अनुमति ख़बर मुताबिक खनिज विभाग से प्रदत्त नही है बावजूद यहाँ सैकड़ो टन कोयला संग्रहित है। प्रवीण झा वाशरी संचालक के मैनेजर संतोष सिह जब मौके पर पहुचे तो कोयला चोरी करने वाले चोर मौके से फरार हो गए है।बताया जा रहा है कि कमल भीमनानी का साथी फैजल खान भी चोरी के वक़्त वहाँ माजूद था।हालांकि सकरी पुलिस को सूचना मिलने पर कोयला जप्त कर इस मामले की जाँच जारी है, किंतु अब देखना होगा कि सकरी पुलिस इस बड़े मामले में किस तरह की कार्रवाई करती है इन चोरो के सरदार को जेल की हवा खिला पाने में कामयाब हो पाती है या फिर सरदार की बजाए रोजी में काम करने वाले गरीबों पर कार्यवाही कर मामला को चलता कर देती है। पाली ,बेलतरा से लेकर बिलासपुर और पेंड्रीडीह बाईपास तक कई डीपो में कोल माफ़िया कोयला कटिंग करने में मस्त है ,इसके आगे सारे विभाग पस्त है सो आज भी धड़ल्ले से कोयला कटिंग और मिक्सिंग करने वाले छत्तीसगढ़ के उधोगपतियों को चुना लगाने में पीछे नही है, बाकी कोल माफियाओं के नाम की सूची की बड़ी लंबी फेहरिस्त है ! यदि पुलिस और माइनिंग विभाग की मिलीभगत नही है तो कोरबा से बिलासपुर के बीच सड़क किनारे सैकडो अवैध कोयला संग्रह केंद्रों पर चोरी के कोयला खरीदने वालों पर सख्त ओर प्रभावी कार्यवाही आज तक क्यो नही करती है !