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नया मुख्यमंत्री और मंत्री निवास बनाने के लिए है 505 करोड़,पर कर्मचारियों को पूरी तनख़्वा देने के समय सरकार की वित्तीय स्थिति ख़राब हो जाती है!!!

नया मुख्यमंत्री और मंत्री निवास बनाने के लिए है 505 करोड़,पर कर्मचारियों को पूरी तनख़्वा देने के समय सरकार की वित्तीय स्थिति ख़राब हो जाती है!!! बिलासपुर : छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता 4 सितम्बर को दिल्ली जा रहे हैं । महँगाई पर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन करने। शर्म आनी चाहिए इनको खुद यहाँ अपने […]

नया मुख्यमंत्री और मंत्री निवास बनाने के लिए है 505 करोड़,पर कर्मचारियों को पूरी तनख़्वा देने के समय सरकार की वित्तीय स्थिति ख़राब हो जाती है!!!

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता 4 सितम्बर को दिल्ली जा रहे हैं । महँगाई पर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन करने। शर्म आनी चाहिए इनको खुद यहाँ अपने कर्मचारियों को महँगाई भत्ता दे नहीं पा रहे हैं और महँगाई के ख़िलाफ़ जुमलेबाज़ी करने के लिए हज़ारो किलोमीटर दूर जा रहे हैं।नियम ,क़ानून और वास्तविक स्थिति से आँख मूँद के ऊपर बैठे नेता कुछ भी उटपुटाँग नीति और फ़ैसले ले रहे हैं ।
जनता जाए भाड़ में। 22 अगस्त से छत्तीसगढ़ के सभी कर्मचारी सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन में जा रहे हैं।कर्मचारियों का ऐसा आंदोलन छत्तीसगढ़ की इतिहास में पहली बार हो रहा हैं।सरकार उनकी मूल अधिकार 34% महंगाई भत्ता दे नहीं रही।पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में मिल रहा हैं,केंद्र सरकार दे रही हैं,सभी राज्य दे रहे हैं तो फिर छत्तीसगढ़ क्यों नहीं ?
क्योंकि यहाँ के नेता गोबर दिमाग़ हैं। 4 साल से गोबर,गौठान और गोमूत्र जैसे जुमला योजना से जनता का ध्यान भटकाते रहे।जैसे जनता तो मूर्ख हैं।गाँव में कुछ विकास का काम हुआ नहीं।थोड़े बहुत जो पैसे थे उसको गौठान जैसे घपला,जुमला और फ़र्ज़ी योजना में लगा दिए।आज गाँव के लोग गाली दे रहे हैं।
ऊपर बैठे नेता को समझ नहीं आ रहा हैं कि जनता कितनी आक्रोशित हैं।नया रायपुर में मुख्यमंत्री निवास और मंत्रियों के निवास बनाने के लिए 505 करोड़ लगा रहे हैं। पर कर्मचारियों को तनख़्वा देने में क्यों सरकार रो रही हैं ?? आख़िर कितने लोगों को आलीशान निवास बनाने से फ़ायदा होगा ?? 1 मुख्यमंत्री और 13 मंत्री ।
कर्मचारियों पर लगाते तो कम से कम 45 हज़ार कर्मचारियों को फ़ायदा होता। पर क्या करें ? दिमाग़ में गोमूत्र जो भर गया हैं। ऐसा नहीं हैं की सिर्फ़ कर्मचारी ही गाली दे रहे हैं इन शासकों को। गाँव में कच्चे मकान में रहने वाले सभी गरीब छत्तीसगढ़िया जनता भी गाली दे रही हैं।
पूरे भारत देश में सिर्फ़ छत्तीसगढ़ ही ऐसा राज्य हैं जहाँ इस सरकार में एक भी पक्का आवास नहीं बन पाया।केंद्र सरकार ने तो अपने हिस्से के पैसे दे दिए थे और 8 लाख आवास भी स्वीकृत कर दिया था पर हमारे बुद्धिहीन नेता छत्तीसगढ़ का अपना हिस्सा नहीं दे पाए जिससे ये आबँटन निरस्त हो गया।
अगर वो 8 लाख आवास बना दिए होते तो 8 लाख आवास और स्वीकृत हो जाते। 16 लाख बेघर परिवार से मतलब हैं या मंत्रियों के आलीशान निवास से ?? अब तो विधायक भी भागते फिर रहे हैं आवास के सवाल से ।कुछ दिन पहले विडीओ वायरल हुआ था जिसमें जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन प्रधानमंत्री आवास योजना के सवाल पर जनता से मूँह छुपा के भाग रहे थे।शर्म तो आनी चाहिए इन नेताओ को की छत्तीसगढ़िया होने के नाम पर वोट माँगते हैं।आसानी से पक्का आवास मिल रहा उसमें भी अड़ंगा डाल देते हैं क्योंकि उसको बनाने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रचार होता।
प्रधानमंत्री के लोकप्रियता से ज़्यादा मतलब हैं या छत्तीसगढ़िया जनता के हितों से ? सरकार बिना सोचे समझे पुरानी पेन्शन योजना लागू कर दिए। ये भी नहीं सोचे की NPS में जो 17 हज़ार करोड़ फँसें हैं छत्तीसगढ़ का उसका क्या ?? वो पैसे अब PFRDA दे नहीं रहा। तो क्या छत्तीसगढ़ जनता के जमा इस 17 हज़ार करोड़ को छोड़ दे ??
लागू करने से पहले क्यों नहीं सोचे ?? जनता को लोक लुभावन योजना दिखा के राज्य की ऐसी की तैसी हुए जा रही।आख़िर कौन गोबर दिमाग वाला सलाहकार हैं जो यह सब नीति बनवा रहा है।