- Hindi News
- कांग्रेस नेता के द्वारा अवैध रेत उत्खनन से अरपा नदी में तीन बच्चियों की मौत : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने
कांग्रेस नेता के द्वारा अवैध रेत उत्खनन से अरपा नदी में तीन बच्चियों की मौत : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान में, राज्य सरकार से मांगा जवाब अब अगली सुनवाई 22 अगस्त को ………

कांग्रेस नेता के द्वारा अवैध रेत उत्खनन से अरपा नदी में तीन बच्चियों की मौत : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान में, राज्य सरकार से मांगा जवाब अब अगली सुनवाई 22 अगस्त को ……… बिलासपुर : सेंदरी में रेत के अवैध खनन से अरपा नदी में डूबकर तीन बच्चियों की मौत के मामले में […]

कांग्रेस नेता के द्वारा अवैध रेत उत्खनन से अरपा नदी में तीन बच्चियों की मौत : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान में, राज्य सरकार से मांगा जवाब अब अगली सुनवाई 22 अगस्त को ………
बिलासपुर : सेंदरी में रेत के अवैध खनन से अरपा नदी में डूबकर तीन बच्चियों की मौत के मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। न्यायालय ने राज्य के मुख्य सचिव के साथ ही माइनिंग सचिव से भी जवाब तलब किया है। इस मामले में अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए सक्रिय संगठन अरपा अर्पण ने भी जनहित याचिका दायर किया है। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी। हम आपको बता दें कि ये मामला विधानसभा में भी जोरशोर से उठाया गया था। लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने रेत के अवैध तस्करों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए बच्चियों के परिजन को 15-15 लाख रुपये मुआवजा देने और रेत तस्करों को जेल भेजने की मांग की गई थी। इस मांग का भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भी सदन में खुलकर समर्थन किया था। दरअसल, बीते 17 जुलाई को हरेली के दिन सेंदरी के पास अरपा नदी में रेत के अवैध खनन से बने रेत के गड्ढों में डूबकर तीन बच्चियों की मौत हो गई थी । इस मामले में शासन ने 12 लाख का मुआवजा दिया था। अब इस मामले को हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया है। इस मामले में सामाजिक संगठन अरपा अर्पण ने भी जनहित याचिका दायर किया है। दोनों याचिकाओं की सुनवाई हाईकोर्ट ने एक साथ करने की बात कही है। जनहित याचिका में अरपा अर्पण की ओर से कहा गया है कि अरपा नदी में कांग्रेस नेता बेलतरा के पूर्व प्रत्याशी के द्वारा किया गया अवैध रेत उत्खनन जानलेवा साबित हो रहा है। गर्मी के मौसम में अरपा सूखी रहती है, इसलिए गड्ढे दिख जाते हैं। बारिश में इन गड्डों में पानी भर जाता है, जल भराव के दौरान गड्ढों का पता नहीं चलता. ऐसी स्थिति में अगर बच्चे या फिर मवेशी गड्ढों में समा जाएं तो जानलेवा साबित होता है। रेत उत्खनन में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों की कांग्रेस नेताओं के द्वारा खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। याचिका में अरपा के किनारे पौधरोपण करने, अवैध घाटों को बंद करने की भी मांग भी की गई है।