आमानाका चौपाटी शिफ्टिंग से पहले विवाद: 32 दुकानदारों की बढ़ीं मुश्किलें, रेलवे ने दुकानदारों को दिया नोटिस, निगम की योजना हो सकती है ठप

रायपुर: एनआईटी चौपाटी को आमानाका शिफ्ट करने की नगर निगम की योजना विवादों में फंस गई है। जिस जगह चौपाटी शिफ्ट की जानी थी, वह रेलवे की जमीन है और रेलवे ने वहां लगे ठेले वालों को 7 दिन में जगह खाली करने का नोटिस जारी कर दिया। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय और नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी ने मौके का दौरा किया और कहा कि नगर निगम ने करोड़ों खर्च कर चौपाटी बनाई थी, लेकिन अब उसे गलत साबित किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों पर कार्रवाई न होने की भी बात उठाई।

रेलवे के नोटिस से 32 मैकेनिक दुकानदारों की मुश्किलें बढ़ गईं, जो आमानाका ब्रिज के नीचे व्यवसाय करते हैं। इन दुकानदारों का कहना है कि चौपाटी शिफ्टिंग में देरी पहले से थी और अब रेलवे के नोटिस ने परेशानी और बढ़ा दी है। नगर निगम ने चौपाटी शिफ्टिंग रोक दी है। आयुक्त विश्वदीप ने कहा कि रेलवे प्रशासन के साथ बातचीत जारी है और जल्द समाधान निकाला जाएगा। रेलवे का दावा है कि इस जमीन पर पहले से पार्किंग बनाने की योजना थी और उन्हें नगर निगम से कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली थी। इसी कारण रेलवे ने कब्जा हटाने का नोटिस जारी किया।whatsapp-image-2025-11-17-at-82259-am_1763349872

रायपुर में लगभग 10 करोड़ रुपए खर्च कर बनाई गई चौपाटी का विरोध पहले भी हो चुका था। 2023 में भाजपा सरकार बनने के बाद इसे हटाकर नालंदा-2 बनाने की योजना तेज़ी से शुरू हुई। नवंबर 2025 में टेंडर पूरा होने के बाद 15 नवंबर से शिफ्टिंग की तारीख तय हुई, लेकिन रेलवे के नोटिस ने पहले ही सबको चौकन्ना कर दिया।

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