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राष्ट्रीय जगत विजन ब्रेकिंग : साय कैबिनेट से बड़े दिग्गज नाखुश

राष्ट्रीय जगत विजन ब्रेकिंग : साय कैबिनेट से बड़े दिग्गज नाखुश साय कैबिनेट का विस्तार तो हो गया, लेकिन कई दिग्गजों को जगह नहीं मिली। चर्चा है कि प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर सिर्फ इसलिए नहीं शपथ ग्रहण में नहीं आए,कि वो अपने प्रिय अमर अग्रवाल को मंत्री नहीं बनवा पाए।बताते हैं कि प्रदेश के […]

राष्ट्रीय जगत विजन ब्रेकिंग : साय कैबिनेट से बड़े दिग्गज नाखुश
साय कैबिनेट का विस्तार तो हो गया, लेकिन कई दिग्गजों को जगह नहीं मिली। चर्चा है कि प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर सिर्फ इसलिए नहीं शपथ ग्रहण में नहीं आए,कि वो अपने प्रिय अमर अग्रवाल को मंत्री नहीं बनवा पाए।
बताते हैं कि प्रदेश के सीनियर ताकतवर विधायक ने अपना नाम तय होने के बाद अमर का नाम जुड़वाने के लिए अपनी ताकत झोंक दी थी मगर उन्हें भी निराशा हाथ लगी। जबकि सीनियर विधायक का कभी अमर से छत्तीस का आंकड़ा रहा है।
अमर को शुरूआत में कैबिनेट में जगह मिलने के संकेत भी दिए गए थे। उन्होंने अपने पुराने स्टाफ अफसर को बुलवा भी लिया था। ताकि शपथ लेने के बाद तत्काल काम शुरू हो सके। लेकिन इसकी नौबत ही नहीं आई।
यही नहीं, कैबिनेट विस्तार से ठाकुर साहब भी खुश नहीं हैं।। बताते हैं कि ठाकुर साहब ने राजेश मूणत के लिए वीटो लगा दिया था। बाद में उन्होंने मूणत को अल्पसंख्यक कोटे से किसी तरह जगह देने की गुजारिश की । लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। सूची आरएसएस के हिसाब से तैयार हुई है। आरएसएस के रणनीतिकार अब क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बनाने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहे हैं और भविष्य की रणनीति भी कुछ इसी तरह होगी। छत्तीसगढ़िया वाद का असर अब भाजपा में भी दिखने लगा
विष्णु के दरबार में नहीं, कार्यालय में जमावड़ा
पन्द्रह साल के रमन सिंह के शासन काल और फिर 5 साल के भूपेश शासनकाल में बंगले से ही सरकार चलती थी। इस बार विष्णु देव साय के शासन में उनके बंगले में दरबार नहीं लगेगा। भाजपा व संघ दफ्तर से सरकार चलेगी। बोरियाकला स्थित भाजपा मुख्यालय में बैठे संगठन के प्रमुख अजय जामवाल ,पवन साय व संघ दफ्तर में बैठे तमाम पदाधिकारी पिछली गलतियों से सीख लेकर निर्णय ले रहे हैं। मंत्रिमंडल का चयन या विभागों का वितरण सब कुछ हाईकमान तय कर रहा है।
दो गुरु को पछाड़ कर मंत्री..
नवागढ़ के विधायक दयाल दास बघेल का पहला मुकाबला गुरु रुद्र से हुआ। गुरु से टकराने वाले सीधे सरल दयालदास ने लंबी जीत दर्ज की है। विधायक बनने के बाद फिर एक और गुरु से पाला पड़ गया। सतनामी समाज के गुरू संत बालदास के बेटे खुशवंत साहेब की आरंग में लंबे मार्जिन से जीत हुई है। खुशवंत युवा और सक्रिय है। उनके लिए मंत्री पद के जबर्दस्त दबाव के बीच लग रहा था कि दयाल दास पिछड़ जायेंगे लेकिन एक बार फिर गुरु को मात देते हुए चेले ने मंत्री की कुर्सी हासिल कर ली है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद पहली बार अनुसूचित जाति को सबसे कम मंत्रिमंडल में जगह मिलने के कारण नाराजगी अंदर ही अंदर दिख रही है
आईटी -ईडी के साथ अब पुलिस भी
इनकम टैक्स व ईडी के लगातार छापों से परेशान अधिकारी व्यापारी और राजनेताओं को नई सरकार आने के बाद राहत मिलने लगी है। अभी तक ईडी और इनकम टैक्स के छापों में सीआरपीएफ के पुलिस तैनात रहती थी। पिछले इनकम टैक्स के छापों में राज्य पुलिस के अफसर सक्रिय हो गये थे। सरकार बदलने के बाद पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी भी केन्द्रीय एजेंसियों को मदद करने में लगे हैं। कुछ लोगों की संपत्ति जब्त की कार्रवाई भी चल रही है। पुलिस के रुख बदलने से कई लोगों की मुसीबत भी बढ़ सकती है। अभी केंद्रीय एजेंसी फिर से एक बार सक्रिय होने वाली है।
फूल वाले फायदे में
भाजपा सरकार आने के बाद सारी भीड़ मौलश्री विहार की तरफ बढ़ गयी थी। शुरूआत में डॉ.रमन सिंह के घर पैर रखने लायक जगह नहीं था। गुलदस्ते लेकर जाने वाले अधिकारी नेता ,उद्योगपतियों, व्यापारियों की लंबी लाईन दिग्गज भाजपा नेताओं व पूर्व मंत्रियों के घरों में लगी थी। मंत्रिमंडल का सूची फायनल होने के बाद नए सिरे सिरे से परिक्रमा करनी पड़ रही है। अब विभाग वितरण के बाद फिर से अधिकारी फुल गुलदस्ता लेकर दौड़ लगायेंगे। इस तरह तीन बार गुलदस्ता व फूल की खरीदी करनी पड़ रही है। गुलदस्ता की खरीदी का बजट नीचे के कर्मचारियों को भारी पड़ रहा है। पहली बार शहर के फूल व्यवसायी कमल के जीतने के बाद भारी खुश हैें।
नजर लागी तोरे बंगले पर
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मंत्रियों को नया रायपुर में बंगला आबंटित होने पर लगभग सहमति बन रही है। नया रायपुर को गुलजार करने के लिए मुख्यमंत्री निवास व मंत्रियों के बंगले पसंद करने का सुझाव मांगा जा रहा है। वहीं कुछ मंत्री रायपुर व नया रायपुर दोनों जगह बंगला मांग रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत विधानसभा अध्यक्ष के बंगले में ही रहना चाहते हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह सीएम बंगले को ही अपने लिये लकी मानते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शंकर नगर स्थित जयसिंह के बंगले को आबंटित करा लिये हैं। उपमुख्यमंत्री अरुण साव व टीएस बाबा के बंगले पर नजर गड़ाए हैं। बंगले के पसंद व नापसंद शुभ -अशुभ देख रहे हैं।
विष्णुदेव के संकटमोचक
हर सरकार की तरह विष्णुदेव साय सरकार को भी ओपी चौधरी के रूप में नया संकटमोचक मिल गया है। वे ठीक वैसी ही भूमिका में नजर आ रहे हैं, जैसे डॉ. रमन सिंह की सरकार में राजेश मूणत की थी। मज़ाक़िया लहजे में उन्हें मूणत 2.0 भी कहा जा रहा है। हर बड़ी ज़िम्मेदारी को कुशलतापूर्वक निभाना और लक्ष्य प्राप्त करने के बाद श्रेय लेने के चक्कर में नहीं पड़ने की आदत उन्हें सभी मंत्रियों से अलग दिखाती है। संघ और संगठन चुनाव से पहले उनके कुशल प्रबंधन का जौहर देख चुका है। नतीजे आने के बाद शपथ ग्रहण की तैयारी और प्रशासन से समन्वय की जिम्मेदारी भी उनके पास थी। चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह उन्हें ‘बड़ा आदमी’ बनाने का ऐलान पहले ही कर चुके हैं। अब उन्हें मिलने वाली ज़िम्मेदारी पर सबकी निगाहें टिकी हैं। उससे पहले ओपी शनिवार को संघ दफ़्तर पहुँचे और वहाँ बड़े पदाधिकारियों के साथ आधा घंटा तक गंभीर मंत्रणा की। हालाँकि संघ ने कुछ और मंत्रियों को भी मशविरे के लिए बुलाया था।
विभाग वितरण दो दिन बाद
विष्णुदेव सरकार के मंत्रियों को विभाग वितरण के लिए अभी दो दिन और इंतज़ार करना होगा। बेसब्र होते समर्थकों और सरकारी कामकाज से आजीविका चलाने वालों के लिए यह महत्वपूर्ण खबर है। बताते हैं कि सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल बनाये रखने के लिए यह विलंब हो रहा है। मुख्यमंत्री और दोनों उप-मुख्यमंत्री के ताज़ा दिल्ली दौरे को इसकी एक कड़ी बताया जा रहा है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले दिल्ली में संगठन की बैठकें चल रहीं हैं। उसमें शामिल होने तमाम ज़िम्मेदार पदाधिकारी वहाँ हैं। बैठकें सोमवार तक चलेंगीं। उसमें संगठन में व्यापक फेरबदल करने पर फ़ैसले होने हैं। उसके बाद ही विभागों के वितरण की सूची जारी हो सकती है। मंत्री बनने से चूक गये विधायकों को सुशासन दिवस पर संसदीय सचिव बनने का तोहफ़ा मिल सकता है।