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बेनामी साम्राज्य की मल्लिका सौम्या चौरसिया के खिलाफ EOW की सबसे बड़ी कार्रवाई, 8000 पेज की चार्जशीट ने मचाई हलचल, 1872% अवैध कमाई पर बड़ा खुलासा
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासनिक गलियारों में उस वक्त हलचल मच गई, जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पूर्व उपसचिव और बेनामी साम्राज्य की मल्लिका सौम्या चौरसिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने रायपुर की विशेष अदालत में 8000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इस दस्तावेज़ी बम के मुताबिक, सौम्या ने अपने 17 साल के कार्यकाल में सिर्फ 2.5 करोड़ की वैध कमाई की, लेकिन उसके मुकाबले लगभग 50 करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित की, यानी 1872% अधिक कमाई, जो EOW के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) का मामला माना जा रहा है।सबसे ज्यादा निवेश साल 2019 से 2022 के बीच किया गया है।
विशेष अदालत में पेश की गई 8000 पन्नों की चार्जशीट में EOW ने बताया कि, सौम्या चौरसिया ने पद पर रहते हुए 49 करोड़ 69 लाख 48 हजार रुपए से अधिक कमाई की है। इस आय को उसने अलग-अलग प्रॉपर्टी में इंवेस्ट किया है। EOW ने बताया कि, सौम्या चौरसिया ने अपने 17 साल की सर्विस में सही तरीके से सिर्फ 2 करोड़ 51 लाख रुपए ही कमाए हैं। यानी 1872.86 प्रतिशत कमाई हिस्सा अवैध है। यह ब्यूरो के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आय से अधिक संपत्ति का मामला है।
सौम्या चौरसिया की प्रशासनिक पारी की शुरुआत 2005 में लेखाधिकारी के रूप में हुई थी। इसके बाद उन्हें बिलासपुर में डिप्टी कलेक्टर के रूप में पहली पोस्टिंग मिली। लंबे प्रशासनिक अनुभव के बाद, वर्ष 2019 में उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। हालांकि, करियर की यह चढ़ाई जल्द ही सवालों के घेरे में आ गई, जब सौम्या चौरसिया का नाम कोयला परिवहन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर मामलों में सामने आया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया।
आरोप है कि उन्होंने कोयला घोटाले से अर्जित काले धन से कई चल-अचल संपत्तियाँ खरीदीं, जिनमें कई बेनामी संपत्तियाँ भी शामिल हैं। अब जबकि EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) द्वारा 8000 पन्नों की चार्जशीट अदालत में पेश की जा चुकी है और विशेष न्यायालय ने इसे स्वीकार कर लिया है, तो जल्द ही मामले में ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होगी। इस ट्रायल में सौम्या चौरसिया की बेनामी संपत्तियों की जब्ती, बैंक खातों की जांच और घोटाले में शामिल अन्य संलग्न व्यक्तियों की भूमिका की गहन पड़ताल की जाएगी।
