हाईकोर्ट की सिल्वर जुबली पर राज्यपाल का कड़ा संदेश: न्याय में देरी से बढ़ रहा मीडिया ट्रायल, न्याय सर्वोपरि

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने 25 साल का सफर पूरा कर लिया है। इस मौके पर बिलासपुर हाईकोर्ट परिसर में आयोजित रजत जयंती समारोह में राज्यपाल रामेन डेका भी शामिल हुए। राज्यपाल रामेन डेका ने अपने उद्बोधन में न्यायपालिका पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि न्याय में देरी पर कोर्ट को ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इससे मीडिया ट्रायल बढ़ रहा है और खूबसूरत बिल्डिंग से ज्यादा महत्वपूर्ण न्याय है। उन्होंने यह भी कहा किया कि न्याय सिर्फ समर्थवानों के लिए नहीं, बल्कि सबके लिए होना चाहिए।

न्याय में देरी पर गंभीर चिंता कहा मीडिया ट्रायल बढ़ा 

राज्यपाल रामेन डेका ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि न्यायालय की भव्य इमारत नहीं, बल्कि यहां से मिलने वाला न्याय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने न्यायपालिका के दो महत्वपूर्ण अंगों बार और बेंच के बीच अक्सर होने वाले टकराव पर भी बात की। उन्होंने गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि मीडिया ट्रायल बढ़ने के कारण अब लोअर कोर्ट बेल देने से डरने लगे हैं, जिसके चलते लोगों को बेल के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ता है। उन्होंने जोर दिया कि न्यायपालिका में न्याय सिर्फ पैसे वालों या समर्थवानों के लिए नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए होना चाहिए।

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100 रुपये की रिश्वत के मामले का किया जिक्र

राज्यपाल रामेन डेका ने न्याय में देरी के एक चौंकाने वाले उदाहरण को साझा किया। उन्होंने बताया कि 100 रुपये की रिश्वत के एक मामले में एक व्यक्ति ने 30 साल तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और इतने सालों बाद जाकर उसे न्याय मिला। उन्होंने उस व्यक्ति के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि यह सिर्फ 100 रुपये का सवाल नहीं था, बल्कि यह न्याय और आत्म-न्याय का सवाल था। उन्होंने आगे कहा कि अभी जस्टिस बहुत देर से मिलता है और देर से मिलने वाला न्याय, अन्याय के समान है। उन्होंने कोर्ट से न्याय में देरी पर ध्यान देने की अपील की और कहा कि हमें न्यायपालिका में लोगों के विश्वास को बरकरार रखना है।

 

वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी से बातचीत साझा की

अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल ने वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी के साथ हुई एक पुरानी बातचीत को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी राम जेठमलानी की बड़ी फैन थीं और उन्होंने ही उन्हें बताया था कि राम जेठमलानी निजी मीडिया चैनल को इंटरव्यू व्हिस्की का पेग लेकर देते हैं। इस पर राम जेठमलानी ने जवाब दिया था कि उन्हें रात 8 बजकर 15 मिनट पर पेग चाहिए।

राज्यपाल ने यह भी बताया कि जब जनता पार्टी की सरकार थी, तब राम जेठमलानी को मंत्री पद नहीं दिया गया था। जब वह मोरारजी देसाई के पास गए, तो देसाई ने उनसे कहा था कि वह ड्रिंक करते हैं, इसलिए उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। हालांकि, जब जनता पार्टी की सरकार गिरी, तब राम जेठमलानी ने मोरारजी देसाई के पास पहुंचकर कहा था कि चौधरी चरण सिंह और जगजीवन राम, जिन्होंने कभी शराब नहीं पी, उन्होंने ही आपकी सरकार गिरा दी थी।

 

युवाओं को ईमानदारी का संदेश

लॉ के क्षेत्र में करियर बनाने आ रहे युवाओं को संदेश देते हुए राज्यपाल रामेन डेका ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि यह एक प्रभावशाली पेशा है। लेकिन इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए युवाओं को उचित नैतिकता और शिक्षा का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि क्लाइंट को डिफेंड करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप ईमानदार रहें।

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