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मुख्यमंत्री ने की कोरबा कलेक्टर की तारीफ, उधर घोटाला दबाने के आरोप में मुख्य सचिव को दिल्ली का बुलावा
रायपुर/कोरबा. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत की तारीफ कर रहे थे, ठीक उसी वक्त दिल्ली से एक खबर ने प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया। यह खबर थी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) द्वारा राज्य के मुख्य सचिव को दिल्ली तलब करने का नोटिस।
तारीफ होते ही क्यों डिलीट हुई खबर?
कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में कोरबा कलेक्टर की तारीफ की खबर ने भाजपा खेमे में ही हलचल मचा दी। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, तारीफ की खबर को तुरंत ही मीडिया ग्रुप्स से डिलीट करवाया गया। लेकिन इसके कुछ ही देर बाद, पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता ननकी राम कंवर के करीबी सक्रिय हो गए। उन्होंने कंवर की दो पुरानी चिट्ठियां वायरल कर दीं, जिनमें से एक में कलेक्टर अजीत वसंत पर गंभीर आरोप थे।
NCST ने मुख्य सचिव को क्यों बुलाया?
असल में, एनसीएसटी ने 6 अक्टूबर 2025 को मुख्य सचिव के नाम नोटिस जारी कर 16 अक्टूबर को दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। मामला 'फ्लोरामैक्स वसूली कांड' से जुड़ा है। कंवर ने कलेक्टर अजीत वसंत पर आयोग को भ्रामक और झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया था।
कंवर के मुताबिक, कलेक्टर ने कथित तौर पर 40 हजार महिलाओं के साथ 100 करोड़ के घोटाले को अपनी रिपोर्ट में तोड़ मरोड़कर केवल 30 हजार महिलाओं को प्रभावित और 12 करोड़ रुपये का निवेश बताया, जबकि एफआईआर में ही 120 करोड़ का उल्लेख है।
आयोग का सख्त रुख: एनसीएसटी ने गलत रिपोर्ट के कारण शासन प्रशासन की विश्वसनीयता पर सवाल उठने की बात कही है। आयोग के अनुसंधान अधिकारी चेतन कुमार शर्मा ने पत्र में साफ लिखा है कि गलत रिपोर्ट के मामले की जांच के लिए संविधान के अनुच्छेद 338 क के तहत मुख्य सचिव को सभी दस्तावेजों के साथ अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।
नोटिस में सख्त चेतावनी भी दी गई है कि अनुपस्थित होने पर आयोग सिविल न्यायालय की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र होगा।
पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर ने इस पर तंज कसते हुए कहा, "कलेक्टर की गलती का खामियाजा मुख्य सचिव को भुगतना पड़ रहा है। यह आदिवासी समुदाय के साथ धोखा है और शासन की छवि धूमिल कर रहा है। सरकार को तुरंत कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।"
फ्लोरामैक्स वसूली कांड क्या है?
कोरबा के कोतवाली थाने में फ्लोरामैक्स नामक कंपनी पर लगभग 40,000 महिलाओं से सौ करोड़ रुपये के कथित घोटाले का आरोप है। कंपनी ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं को आकर्षक रिटर्न का लालच देकर निवेश कराया और बाद में पैसे डुबो दिए। पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने इस महा ठगी की शिकायत केंद्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से की थी।
ब्रांडेड दवाइयों की खरीदी में 30 करोड़ के भ्रष्टाचार का भी आरोप!
कलेक्टर पर आरोपों के बीच, ननकी राम कंवर ने एक और बड़े भ्रष्टाचार की शिकायत नए मुख्य सचिव विकास शील से की है। यह मामला श्रम विभाग में छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी बीमा निगम द्वारा ब्रांडेड दवाइयों की खरीदी और लिखने से जुड़ा है।
कंवर ने आरोप लगाया है कि खरीदी पर रोक के बावजूद 50 करोड़ रुपये से अधिक की दवाइयां खरीद ली गईं, जिसमें करीब 30 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है।
जुड़े अधिकारी: कंवर ने पहले पूर्व मुख्य सचिव अमिताभ जैन और श्रम सचिव हिमशिखर गुप्ता को भी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दावा: कंवर का कहना है कि निगम की 40 क्लीनिकों में हर साल लगभग 50 करोड़ की दवाइयां खरीदी जाती हैं, जो जेनेरिक दवाइयों से 60 से 70 फीसदी ज्यादा कीमत पर हैं, जिससे भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
कलेक्टर ने साधी चुप्पी
इस पूरे राजनीतिक और प्रशासनिक बवाल पर जब कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत से संपर्क किया गया तो उन्होंने "No Comment" कहकर चुप्पी साध ली। भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी चेहरे ननकी राम कंवर के लगातार हमलों और एनसीएसटी के नोटिस ने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है। विपक्षी कांग्रेस ने इसे सरकार की नाकामी बताते हुए हमला बोलना शुरू कर दिया है।
