स्टेटस पर राजद्रोह ! शिक्षक ने लिखा- किताबें नहीं मिलीं और राज्योत्सव मना लिया, कुछ घंटों में सस्पेंडभी

धमतरी। छत्तीसगढ़ में राज्योत्सव के दौरान शिक्षा की बदहाल व्यवस्था पर व्हाट्सएप स्टेटस डालना धमतरी के एक सहायक शिक्षक को भारी पड़ गया। कुरूद ब्लॉक के नारी प्राइमरी स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक (एलबी) ढालूराम साहू ने स्टेटस में स्कूली बच्चों को पांच महीने बाद भी पूरी किताबें नहीं मिलने की बात कहते हुए राज्योत्सव की खुशियां मनाने पर सवाल उठाए थे। स्टेटस अपलोड होने के कुछ घंटों के भीतर ही व्हाट्सएप ग्रुप्स में वायरल हो गया। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अभय कुमार जायसवाल ने गुरुवार को बैठक बुलाकर शिक्षक को तत्काल निलंबित कर दिया।

शिक्षक ने पूछा था सवाल

शिक्षक ढालूराम साहू ने अपने स्टेटस में लिखा था, "क्या हम राज्योत्सव मनाने के लायक है? जब तक बच्चों को पूरी किताबें नहीं मिल जातीं, तब तक सहायक शिक्षक से लेकर बीईओ-डीईओ, कलेक्टर और माननीय शिक्षा मंत्री का वेतन रोक देना चाहिए। बच्चों की शिक्षा व्यवस्था ठप और हम चले राज्य स्थापना दिवस मनाने। मीडिया से बातचीत में शिक्षक साहू ने कहा कि शिक्षण सत्र 2025-26 का पांच महीना बीत चुका है, लेकिन बच्चों को अब तक हिंदी की किताबें नहीं मिली हैं। पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ रहा है और बच्चे फटी-पुरानी किताबों से पढ़ने को मजबूर हैं।

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डीईओ बोले: यह अमर्यादित व्यवहार

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जिला शिक्षा अधिकारी अभय कुमार जायसवाल ने निलंबन की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि ढालूराम साहू ने सरकारी कार्यों और नीतियों के खिलाफ जिस तरह सोशल मीडिया पर टिप्पणी की, वह अनुचित और अमर्यादित व्यवहार है। जायसवाल ने बताया कि अगर उन्हें किसी मुद्दे पर आपत्ति थी, तो वे सीधे संबंधित अधिकारी से संपर्क कर सकते थे। उन्होंने कहा कि यह एक शासकीय कर्मचारी की भूमिका के खिलाफ है, जिसके कारण यह कार्रवाई की गई।

संघ ने उठाया सवाल: पक्ष जाने बिना कार्रवाई गलत

इधर, छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अमित महोबे ने इस कार्रवाई पर विरोध जताया है। महोबे ने कहा कि सरकारी स्कूलों के बच्चे और शिक्षक किताबों की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में शिक्षक ढालूराम साहू ने सोशल मीडिया पर स्टेटस के जरिए केवल अपनी बात रखी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग ने शिक्षक का पक्ष जाने बिना उन्हें सीधे सस्पेंड कर दिया, जो पूरी तरह अनुचित है।

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