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पुरातत्व विभाग में भ्रष्टाचार की गहरी बू: सिरपुर-रतनपुर में दोहराए गए काम, शारदा कंस्ट्रक्शन को 'खास' फायदा पहुंचाने का आरोप
रायपुर/बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के स्थल सिरपुर, रतनपुर और चतुर्गढ़ में अब भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। राष्ट्रीय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के रायपुर मंडल में सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर एक ही काम को बार-बार दिखाकर दोहरा टेंडर जारी किया गया, जिससे एक खास ठेकेदार कंपनी को सीधा फायदा पहुँचाया गया। मामला अब जांच एजेंसियों की रडार पर आ चुका है, जिससे विभाग में जमकर हड़कंप मचा हुआ है।
इंजीनियर तिवारी पर नियमों के उल्लंघन का आरोप
शिकायतों के केंद्र में एएसआई रायपुर मंडल के इंजीनियर तिवारी हैं। उन पर राम किशोर झा को लाभ पहुँचाने और सबसे बड़ा आरोप माँ शारदा कंस्ट्रक्शन रायपुर को विशेष रूप से फायदा पहुँचाने का है। सूत्रों के मुताबिक, यह सिलसिला पूर्व अधीक्षण पुरातत्व अधिकारी पीके शर्मा के कार्यकाल से चल रहा है। शिकायतकर्ता का दावा है कि कई सालों से इन महत्वपूर्ण स्थलों पर एक ही काम को दोहरा-तीहरा दिखाकर टेंडर जारी किए गए।
खोदाई का काम दोहराया, करोड़ों का नुकसान
शिकायतों के अनुसार, पूर्व एसए आरके शर्मा के रिटायरमेंट के बाद सिरपुर के मार्केट कॉम्प्लेक्स में हुई खोदाई के काम को फिर से दोहराया गया और उसका दोबारा टेंडर निकाल दिया गया। यह नियमों का सीधा उल्लंघन है, क्योंकि एक बार हो चुके काम के लिए फिर से फंड आवंटित किया गया। शिकायतकर्ता ने साफ कहा, "यह सब नियम विरुद्ध है। कई ठेकेदारों को मौका ही नहीं मिला, जबकि शारदा कंस्ट्रक्शन को बार-बार फायदा पहुँचाया गया।"
पूर्व अधीक्षण पुरातत्व अधिकारी पीके शर्मा और अन्य अधिकारियों की कथित मिलीभगत से सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ है। उत्खनन और संरक्षण के नाम पर फंड तो आवंटित हो गया, लेकिन जमीनी स्तर पर प्रगति न के बराबर रही।
अधूरा पड़ा है लक्ष्मण मंदिर का काम
सहायक अधीक्षण पुरातत्व अभियंता राहुल तिवारी के समय में शुरू हुए कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं। सिरपुर में लक्ष्मण मंदिर जैसे स्मारकों के संरक्षण का काम शुरू तो हुआ, लेकिन पूरा नहीं हो पाया। विभागीय दस्तावेजों में काम पूरा होने का दावा है, लेकिन वास्तविकता कुछ और है।
स्थानीय पुरातत्व प्रेमियों और ठेकेदार संगठनों ने भी आवाज बुलंद की है। उनका कहना है कि अगर विभिन्न जांच एजेंसियों से निष्पक्ष जांच हुई, तो यह बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सकता है और कई बड़े नाम उजागर हो सकते हैं।
एएसआई रायपुर मंडल के अधिकारियों ने आरोपों पर अब तक चुप्पी साध रखी है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि ऊपर से जांच के आदेश जरूर मिले हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई अब भी लंबित है। सिरपुर जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पर संरक्षण के नाम पर ऐसी लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप विभाग की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। जांच के दायरे में आए इस मामले में क्या सच में बड़े नामों का पर्दाफाश होगा, इस पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं।
