बिजली बिल वृद्धि पर साय सरकार को चेतावनी: जनता ने सत्ता दी, सड़क पर लाने में भी सक्षम

रायपुर। छत्तीसगढ़ में घरेलू और कुटीर उद्योग की बिजली दरों में हुई हालिया वृद्धि को लेकर आम जनता में तीव्र नाराजगी है। एक गंभीर राजनीतिक विश्लेषण में यह सवाल उठाया गया है कि सत्ता में आने के बावजूद भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की लोकप्रिय बिजली बिल हाफ योजना को क्यों बदला। यह आरोप लगाया गया है कि स्टील लॉबी को लाभ पहुँचाने की कथित कोशिश में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आसपास के सलाहकारों ने गरीब जनता का हक छीन लिया है।

स्टील लॉबी के बदले छीना जनता का हक

विश्लेषण के अनुसार, भाजपा को यह समझना होगा कि सत्ता दिलाने वाली जनता, सड़कों पर बिठाने में भी सक्षम है, क्योंकि ऑन ऑफ का बटन उसी के हाथ में है। यह तर्क दिया गया है कि स्टील लॉबी पैसे दे सकती है लेकिन वोट नहीं दिला सकती, और अंधेरे में रहने वाले उपभोक्ता इस सरकार को सत्ता से बाहर करने का अंडर करंट तैयार कर रहे हैं। यह भी कहा गया है कि यदि कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने भाजपा की वर्तमान सरकार की तरह बेईमानी की होती, तो आज भाजपा विपक्ष में बैठी दिखती।

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कुटीर उद्योग पर 30 पैसे, आदिवासियों पर 20पैसे की मार

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बिजली दरों में हुई वृद्धि का विस्तृत विवरण देते हुए बताया गया है कि यह वृद्धि गरीब और आदिवासी क्षेत्रों को सबसे अधिक प्रभावित कर रही है:

 कुटीर उद्योग: आटा चक्की, मसाला कुटाई, बुनकर उद्योग, और कृषि प्रसंस्करण उद्योग के लिए एनर्जी चार्ज २०२४ २५ में ₹४.७५ प्रति यूनिट था, जिसे २०२५ २६ में ३० पैसे बढ़ाकर ₹५.०५ प्रति यूनिट कर दिया गया है।

 आदिवासी क्षेत्र: बस्तर, सरगुजा और दक्षिण उत्तर बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरणों से भाजपा को सरकार बनाने का मौका मिला था, लेकिन वहाँ भी ३० पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी कर दी गई है।

घरेलू उपभोक्ताओं पर कमरतोड़ वृद्धि

घरेलू बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी का अंतर भी गंभीर है:

| उपयोग (यूनिट) | कांग्रेस दर (रु/यूनिट) | साय सरकार की वृद्धि | नई दर (रु/यूनिट) 

 ० १०० | ₹३.९० | +२० पैसे | ₹४.१० |

 १०१ २०० | - | +१० पैसे | - |

२०१ ४०० | - | +१० पैसे | - |

४०१ ६०० | - | +१० पैसे | - |

६०१ से अधिक | - | +२० पैसे | - |

विशेष रूप से ० १०० यूनिट का उपयोग करने वाले लाखों घरों (जो अधिकतर आदिवासी क्षेत्रों में हैं) के लिए 20पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी पर सवाल उठाया गया है। यह कहा गया है कि साय साय के आसपास की मंडली ने स्टील लॉबी की पैसे की गर्मी दिखाकर दो साल पूरे होने के पहले ही जनता की नजर में सरकार को गिरा दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ता खुलकर सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

 

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