नशे के लिए पैसे न दिए तो घर में घुसे, युवक और 82 साल के बुजुर्ग को लहूलुहान किया; पत्रकार पुत्र समेत 3 पर FIR

बिलासपुर। कानून व्यवस्था की बदहाली का एक और उदाहरण बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र में सामने आया है। यहां राजकिशोर नगर में रहने वाले एक परिवार को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पूरी रात भटकना पड़ा, क्योंकि पुलिस गंभीर मामले में कार्रवाई करने के बजाए प्रार्थियों को ही समझाने में जुटी रही। यह पूरा मामला 3 अक्टूबर की देर रात का है, जब यशवर्धन शर्मा के घर में घुसकर राम पांडेय, राहुल शुक्ला (कथित पत्रकार पुत्र) और उनके एक साथी ने नशे के लिए चंदा वसूलने के बहाने हमला कर दिया। इस हमले में यशवर्धन शर्मा और उनके 82 वर्षीय बुजुर्ग पिता दोनों लहूलुहान हो गए। 

 

क्याहै पूरा मामला 

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पीड़ितों ने बताया कि देर रात तीनों आरोपी चंदा वसूलने की बात कहकर विवाद करने लगे। कुछ ही देर में वे यशवर्धन के कमरे में घुस गए और ताबड़तोड़ मारपीट शुरू कर दी। आरोपियों ने यशवर्धन के सिर पर प्राणघातक हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। बीच-बचाव करने आए यशवर्धन के 82 वर्षीय बुजुर्ग पिता पर भी आरोपियों ने हमला किया। हमले में बुजुर्ग के पैर, उंगली और पीठ पर गंभीर चोटें आईं।घटना से घबराए परिवार वाले तुरंत सरकंडा थाना पहुंचे और हमले की जानकारी दी। चौंकाने वाली बात यह रही कि सरकंडा पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने या तत्काल एफआईआर दर्ज करने के बजाए मामले को घुमाने की कोशिश की और प्रार्थियों को ही समझाइश देती रही। रात भर भटकने के बाद, जब पुलिस पर दबाव बढ़ा, तब जाकर 4 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया।

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मामूली धाराएं लगाने का आरोप

पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने की नीयत से मामले को कमजोर बनाने का षड्यंत्र रचा और आरोपियों पर मामूली धाराएं लगाईं। यशवर्धन और उनके परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से मामले में कठोर कार्रवाई करने और लगाई गई धाराओं को बढ़ाने के लिए आवेदन दिया है।सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में मुख्य आरोपी राहुल शुक्ला है, जो शहर में वाइट कॉलर बनकर घूमने वाले एक कोयला दलाल का कथित पत्रकार पुत्र बताया जाता है। आरोप है कि राहुल शुक्ला कथित पत्रकारिता की आड़ में आतंक का खेल खेल रहा है। पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों में पुलिस की कार्रवाई को लेकर भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि एक तरफ बिलासपुर पुलिस अपराध पर प्रहार करने का ढिंढोरा पीटती है, वहीं दूसरी ओर सरकंडा पुलिस अपराधियों को बचाने में जुटी है।

फिलहाल, अब सबकी निगाहें बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह पर टिकी हैं कि वे इस गंभीर मामले में थाना प्रभारी समेत लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई करते हैं और आरोपियों पर कड़ी धाराएं लगाकर क्षेत्र में बेहतर कानून व्यवस्था का संदेश देते हैं।

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