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हाईकोर्ट का आदेश: ED पर टॉर्चर के आरोप, कारोबारी हेमंत चंद्राकर मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराएँगे बयान
रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर मारपीट और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोपों को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। रोहणीपुरम निवासी कारोबारी हेमंत चंद्राकर की याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की बेंच ने बड़ा निर्देश देते हुए पीड़ित पक्ष को मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही, कोर्ट ने मेडिकल जांच कराने और आरोपी अधिकारी के खिलाफ आवेदन दाखिल करने की भी छूट दी है। चंद्राकर ने ईडी पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके करीबियों के खिलाफ बयान देने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
क्या है पूरा मामला
मामला 29 सितंबर का है, जब रायपुर के रोहणीपुरम स्थित कंचनगंगा कॉलोनी के रहने वाले हेमंत चंद्राकर को ईडी ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। कारोबारी चंद्राकर का आरोप है कि पूछताछ के दौरान उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में साफ कहा है कि अधिकारियों ने उन पर यह स्वीकार करने का दबाव बनाया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी लोग, जिनमें विजय भाटिया, रामगोपाल अग्रवाल, आशीष वर्मा, मंदीप चावला और अन्य शामिल हैं, कमीशन का लेन-देन करते रहे हैं।
कोर्ट में दोनों पक्षों ने पेश की दलीलें
हाईकोर्ट में इस मामले पर दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं।कारोबारी हेमंत चंद्राकर की ओर से पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा और गगन तिवारी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि कारोबारी के साथ ईडी अधिकारियों ने मारपीट की है।वही प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और सौरभ पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पूछताछ में किसी भी तरह का थर्ड डिग्री टॉर्चर नहीं किया गया है।हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान ईडी के वकील का बयान भी रिकॉर्ड कराया।
परिवार पर भी दबाव बनाने का आरोप
कारोबारी चंद्राकर ने सिर्फ खुद पर ही नहीं, बल्कि अपने परिवार पर भी दबाव बनाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अवैधानिक तरीके से दबाव बनाया कि परिवार के लोग उनके खिलाफ गवाही दें। चंद्राकर ने थाना प्रभारी से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने और आरोपी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। अब, हाईकोर्ट के निर्देश के बाद, कारोबारी हेमंत चंद्राकर मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराएंगे, जिससे मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई का रास्ता साफ होगा।
