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धान तस्करी पर कसा शिकंजा: पुलिस ने की फिल्मी अंदाज़ में हुई चेकिंग, 6 करोड़ का अवैध धान बरामद
रायपुर: छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होते ही तस्कर भी सक्रिय हो गए। लेकिन प्रशासन की सख्ती के सामने उनकी कोई चाल काम नहीं आई। 1 नवंबर से 16 नवंबर तक चलाए गए विशेष अभियान में प्रदेशभर से 19,320 क्विंटल अवैध धान पकड़ा गया, जिसकी बाजार कीमत करीब 6 करोड़ रुपए आंकी गई है। यह धान यूपी, एमपी और ओडिशा से तस्करी कर छत्तीसगढ़ लाया जा रहा था।
फिल्मी स्टाइल में 4 किमी पीछा, रात साढ़े 3 बजे रोकी गई गाड़ियाँ
15 नवंबर की तड़के सुबह करीब 3:30 बजे, पुलिस ने संदिग्ध वाहनों को रोकने के लिए पीछा किया। टीम ने लगभग 4.5 किलोमीटर तक फिल्मी अंदाज़ में चेकिंग कर दोनों गाड़ियों को घेराबंदी कर पकड़ा। जांच में इनमें 200 बोरियां अवैध धान मिलीं। ड्राइवरों के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे, जिसके बाद दोनों वाहनों को जब्त कर थाने भेज दिया गया। प्रदेश में अब तक 19,464 क्विंटल धान खरीदी की जा चुकी है, वहीं तस्करी रोकने के प्रयास लगातार तेज किए जा रहे हैं।
सबसे ज्यादा धान महासमुंद में जब्त
तस्करी के खिलाफ कार्रवाई में सबसे ज्यादा धान महासमुंद जिले से बरामद किया गया—
- महासमुंद : 4,266 क्विंटल
- बलरामपुर : 4,139 क्विंटल
टास्क फोर्स ने कई जिलों में दबिश देकर तस्करों की कोशिशों को नाकाम किया।

16 चेकपोस्ट और कमांड कंट्रोल सेंटर से निगरानी
अवैध परिवहन रोकने के लिए राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों में सख्ती बढ़ा दी है—
- 16 विशेष चेकपोस्ट बनाए गए हैं।
- राजस्व, कृषि, वन और पुलिस विभाग की टीम चौबीसों घंटे ड्यूटी पर हैं।
- मार्कफेड के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से संपूर्ण खरीदी व्यवस्था की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है।
सरकार किसानों से धान ₹3,100 प्रति क्विंटल की दर पर खरीद रही है। अगर यह अवैध धान समर्थन मूल्य पर बिक जाता तो इसका मूल्य 6 करोड़ से अधिक हो जाता।
खरीदी केंद्रों में भी प्रशासन ने सख्ती बढ़ाई
खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को सीधे जिम्मेदारी सौंपी गई है। जहाँ धान का संग्रह नहीं हो रहा, उन समितियों को 5 प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
