छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का PWD सेक्रेटरी को सख्त अल्टीमेटम: आदेश अवहेलना पर 1000 का जुर्माना, खस्ताहाल सड़कों पर जताई नाराजगी

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के अफसरों को चेतावनी देते हुए PWD सचिव पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि अफसर हाईकोर्ट के आदेशों को हल्के में ले रहे हैं और प्रशासनिक लापरवाही पर सख्त रुख अपनाना जरूरी है। दरअसल, हाईकोर्ट ने प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों की जांच के लिए PWD सचिव से शपथपत्र मांगा था, लेकिन जवाब में देरी और केवल मौखिक अनुरोध होने की वजह से कोर्ट ने जुर्माने की कार्रवाई की। जुर्माना जांजगीर-चांपा के सरकारी मल्टी-डिसेबल्ड होम को भेजा जाएगा।

खस्ताहाल सड़कें और अधूरी रिपोर्ट
हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान बिलासपुर के पेंड्रीडीह बायपास से नेहरू चौक तक की सड़क की खस्ता हालत पर चिंता जताई गई। पिछली सुनवाई में 23 सितंबर को कोर्ट ने मरम्मत और नई सड़क निर्माण पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी और एनआईटी रायपुर की रिपोर्ट जल्द लेने का निर्देश दिया था। राज्य शासन ने बताया कि सड़क की समस्याओं को खत्म करने के लिए एनआईटी रायपुर को तकनीकी सर्वे और सुझाव तैयार करने के लिए जिम्मेदारी दी गई है। 19.82 लाख रुपए एनआईटी के अकाउंट में जमा कर दिए गए हैं और सर्वे प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

मौखिक अनुरोध पर हाईकोर्ट की सख्ती
सोमवार को सुनवाई के दौरान PWD सचिव का शपथपत्र देने के लिए समय की मांग की गई, लेकिन कोई लिखित आवेदन पेश नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने इसे गंभीर अवहेलना माना और तत्काल जुर्माना लगाया।

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माह पहले की दलील अधूरी साबित हुई
23 सितंबर को विभाग ने दावा किया था कि पेंड्रीडीह बायपास से नेहरू चौक तक मरम्मत का काम पांच दिनों में पूरा हो जाएगा, किनारे की सफाई, झाड़ियां हटाना, डिवाइडर और ग्रिल पेंटिंग का कार्य जारी है। कोर्ट ने अब इसे अधूरा और लापरवाहीपूर्ण बताया।

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